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कलेक्टर से बदसलूकी के बाद धौलपुर में तनाव, पुलिस पर दबाव के आरोप

धौलपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान कलेक्टर से धक्का-मुक्की, विधायक रोहित बोहरा के चाचा पर केस दर्ज, बाजार बंद और थाने का घेराव। जानें पूरी घटना।

कलेक्टर से बदसलूकी के बाद धौलपुर में तनाव, पुलिस पर दबाव के आरोप

Rajasthan News: शुक्रवार रात शहर के डाकखाना चौराहे पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान जो कुछ हुआ, उसने पूरे जिले की राजनीति को गर्मा दिया है। जब प्रशासनिक अमला विधायक रोहित बोहरा की कोठी के सामने अवैध निर्माण हटाने पहुंचा, तो मामला सिर्फ प्रशासन और अतिक्रमण तक सीमित नहीं रहा—यह सीधे एक जनप्रतिनिधि से जुड़ गया। रात के अंधेरे में शुरू हुई कार्रवाई ने आधी रात के बाद एक नए मोड़ ले लिया, जब कलेक्टर श्रीनिधि बीटी के साथ कथित धक्का-मुक्की की घटना सामने आई।

मौके पर उस समय तनाव चरम पर पहुंच गया, जब भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भी स्थिति बेकाबू होती दिखी। पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा जब रात लगभग 3:30 बजे टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तब तक हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके थे। इस बीच विधायक रोहित बोहरा के चाचा प्रदीप बोहरा को हिरासत में लिया गया, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस की इस 'लचीली कार्रवाई' पर अब सवाल उठने लगे हैं।

शनिवार सुबह से ही शहर के बाजारों में राजनीतिक गर्मी महसूस की गई। विधायक रोहित बोहरा और बसेड़ी से कांग्रेस विधायक संजय जाटव ने अपने समर्थकों के साथ विरोध मार्च निकाला और बाजार बंद करवाया। इसके बाद उन्होंने थाने का घेराव किया, जहां दो घंटे तक चली मैराथन बातचीत के बाद दबाव में आकर पुलिस को प्रदीप बोहरा को छोड़ना पड़ा।

सीओ सिटी मुनेश मीणा के अनुसार, अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार अन्य को शांति भंग की धाराओं में हिरासत में लिया गया है। पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान कर रही है और जल्द और गिरफ्तारियां संभव हैं।

सफाई निरीक्षक नीरज चौधरी द्वारा दी गई रिपोर्ट पर केस दर्ज किया गया, जिसमें प्रदीप बोहरा सहित पांच लोगों को नामजद किया गया है। करीब एक दर्जन अज्ञात लोगों पर भी राजकार्य में बाधा डालने, सरकारी आदेशों की अवहेलना और धारा 353 सहित IPC की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

अब देखना यह है कि यह मामला कानून के रास्ते कितनी दूर तक जाएगा और क्या सत्ता और प्रशासन के बीच की यह तकरार किसी निर्णायक मोड़ पर पहुंचेगी या राजनीतिक दबाव में दब जाएगी।