Jodhpur में हत्या से कांपा शहर, स्कूल के लिए निकले बच्चे और फिर कभी वापस नहीं आए, ‘साइको किलर’ मुकुंद की खौफनाक कहानी
Psycho Killer Mukund : मुकुंद थानवी, जो कभी पीड़ित परिवार का बेहद करीबी था, उसने सिर्फ 60 हजार रुपये के नुकसान की वजह से ऐसा खूनी खेल खेला। उसने अपने बिजनेस पार्टनर प्रदीप पाल से बदला लेने के लिए उसके बच्चों को फंदे पर लटका दिया।

Psycho Killer Mukund : राजस्थान की न्यायिक राजधानी जोधपुर में हाल ही में जो घटना घटी, उसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। बोरानाडा थाना क्षेत्र में दो मासूम बच्चों की फांसी से झूलती लाशें मिलीं। ये कोई आत्महत्या नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी और खौफनाक हत्या थी। 12 वर्षीय तन्नू और 8 वर्षीय शिवपाल को उनके ही पिता के पूर्व बिजनेस पार्टनर मुकुंद थानवी ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।
स्कूल के लिए निकले बच्चे और फिर कभी वापस नहीं आए
सुबह जब तन्नू और शिवपाल स्कूल के लिए निकले, तो उनके माता-पिता को जरा भी अंदाजा नहीं था कि वे आखिरी बार अपने बच्चों को देख रहे हैं। दिनभर घरवाले उनकी तलाश में भटकते रहे, और फिर जो नजारा देखा, उसने पूरे परिवार को पागल कर दिया—उनके दोनों बच्चे स्कूल ड्रेस में एक किराये के मकान में फांसी के फंदे से लटके हुए मिले।
मात्र 60 हजार के नुकसान पर दो मासूमों की हत्या!
मुकुंद थानवी, जो कभी पीड़ित परिवार का बेहद करीबी था, उसने सिर्फ 60 हजार रुपये के नुकसान की वजह से ऐसा खूनी खेल खेला। उसने अपने बिजनेस पार्टनर प्रदीप पाल से बदला लेने के लिए उसके बच्चों को फंदे पर लटका दिया। हद तो तब हो गई जब उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा— “मैं चाहता तो माता-पिता को भी मार सकता था, लेकिन तब बच्चे अनाथ हो जाते। इसलिए मैंने सिर्फ बच्चों को मारा।”
‘साइको किलर’ का खूनी अतीत—बचपन से ही वोशियत भरी कहानियां
62 वर्षीय मुकुंद थानवी का इतिहास किसी सीरियल किलर से कम नहीं है। उसका अपना परिवार भी उससे इतनी नफरत करता था कि उन्होंने उसे 2008 में ही संपत्ति से बेदखल कर दिया था। समाज ने उसे बहिष्कृत कर दिया, लेकिन वो पहचान बदलकर जीता रहा।
▪ पहचान छुपाने के लिए नाम बदले: कभी वो श्याम सिंह भाटी बनकर रहा, तो कभी दाता के नाम से मशहूर हुआ।
▪ चोरी से लेकर महिलाओं को भगाने तक के आरोप: पुलिस रिकॉर्ड्स बताते हैं कि मुकुंद थानवी का आपराधिक इतिहास लंबा रहा है।
▪ पिता थे सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल: पढ़े-लिखे और सम्मानित परिवार से होने के बावजूद, मुकुंद की वोशियत ने उसके परिवार को उससे रिश्ता तोड़ने पर मजबूर कर दिया।
मौत से पहले बच्चों पर तेजाब डालने की धमकी
इस घटना में सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाली बात ये थी कि हत्या से पहले मुकुंद ने बच्चों को तेजाब से जलाने की धमकी दी थी। मासूम तन्नू और शिवपाल, जो उसे दादा कहकर बुलाते थे, उसकी वोशियत के आगे बेबस थे।
नाथद्वारा से दबोचा गया ‘साइको किलर’
हत्या के बाद मुकुंद फरार हो गया था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते उसे नाथद्वारा से पकड़ लिया गया। अब उससे कड़ी पूछताछ जारी है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कहीं उसके अन्य अपराध भी तो छिपे नहीं हैं।