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बिजयनगर कांड: दीपक चौधरी की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट बोला- गंभीर अपराध

राजस्थान के बिजयनगर में हुए बहुचर्चित गैंगरेप और ब्लैकमेल केस में कोर्ट ने मुख्य आरोपी दीपक चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. अब तक 16 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जांच एसआईटी कर रही है.

बिजयनगर कांड: दीपक चौधरी की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट बोला- गंभीर अपराध

राजस्थान के बिजयनगर में सामने आए बहुचर्चित गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग केस ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस अब तक इस मामले में कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें 11 आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए हैं, जबकि 5 नाबालिगों को बाल संप्रेषण गृह में रखा गया है. मामले का मुख्य आरोपी दीपक चौधरी अब भी फरार है और पुलिस की टीमें उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं.

गुरुवार को एक अहम मोड़ तब आया जब दीपक चौधरी ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 ने उसे सख्ती से खारिज कर दिया. विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि दीपक ने अपने कैफे में मात्र 200 रुपये में कमरा उपलब्ध करवाकर छात्राओं के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग में अन्य आरोपियों की मदद की थी. अदालत ने इस कृत्य को गंभीर अपराध मानते हुए कोई राहत नहीं दी.

इस पूरे मामले की शुरुआत 15 फरवरी को एक नाबालिग छात्रा की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत से हुई थी. इसके बाद कई अन्य पीड़िताओं ने भी सामने आकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. मामले में न केवल रेप और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने, बल्कि धर्मांतरण के प्रयासों जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं.

इस घिनौने अपराध को लेकर स्थानीय वकीलों में भी जबरदस्त आक्रोश है. उन्होंने मौखिक रूप से स्पष्ट किया है कि वे किसी भी आरोपी की पैरवी नहीं करेंगे. हालांकि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रावत ने कहा कि इस संबंध में अब तक कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है.

फिलहाल मामले की जांच आईपीएस अधिकारी अभिषेक अंदासु की निगरानी में गठित एसआईटी टीम द्वारा की जा रही है. इस पूरे मामले ने कानून-व्यवस्था और समाज के नैतिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.