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क्या कंगारू टीम की जीत के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जानबूझकर किया सुनील गावस्कर का अपमान?

इस पूरे मामले को तूल पकड़ता देख क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी गलती मानी। बोर्ड ने कहा कि हम इस बात को मानते हैं कि एलन बॉर्डर के साथ-साथ सुनील गावस्कर भी स्टेज पर होते तो ज्यादा बेहतर होता। रिपोर्ट के मुताबिक क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ये प्लान के मुताबिक हुआ है। 

क्या कंगारू टीम की जीत के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जानबूझकर किया सुनील गावस्कर का अपमान?

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी हमेशा से ही विवादों से घिरी रही है। प्लेयर्स वर्सेस क्राउड हो या फिर प्लेयर्स वर्सेस प्लेयर्स...बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी ने इस बार भी हमेशा की तरह ही काफी रोमांचक अंदाज में सीरीज खत्म की। हार और जीत खेल का हिस्सा होती है, तो ऑस्ट्रेलिया ने इस बार 3-0 से सीरीज अपने नाम की। लेकिन क्या जीत के बाद ऑस्ट्रेलियन बोर्ड ने जानबूझकर सुनील गावस्कर का अपमान किया, क्या है पूरा मामला, चलिए आपको बताते हैं...

सुनील गावस्कर को नहीं किया गया आमंत्रित

हम जानते हैं कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का नाम एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर के नाम पर रखा गया है। लेकिन सीरीज खत्म होने के बाद ट्रॉफी देते वक्त क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गावस्कर को इनवाइट नहीं किया। उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। जब मामला उठा तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी गलती मानी भी, दरअसल, भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच सिडनी में खेला गया, जहां पर टीम इंडिया को इस मैच में 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। फिर ऑस्ट्रेलिया की जीत के बाद ट्रॉफी देने के लिए प्रजेंटेशन सेरेमनी हुईं। लेकिन इस सेरेमनी में सिर्फ एलन बॉर्डर दिखाई दिए। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर को आमंत्रित नहीं किया था।

सुनील गावस्कर ने क्या कहा?

ऑस्ट्रेलिया की जीत के बाद कप्तान पैट कमिंस को ट्रॉफी दी गई। इस दौरान भारतीय दिग्गज गावस्कर बाउंड्री लाइन के पास खड़े थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुनील गावस्कर ने कहा कि “मुझे निश्चित रूप से प्रेजेंटेशन के लिए वहां रहना अच्छा लगता। आख़िरकार यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है और यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बारे में है, मेरा मतलब है, मैं यहां ज़मीन पर हूँ। मेरे लिए यह मायने नहीं रखना चाहिए कि जब प्रेजेंटेशन की बात आती है तो ऑस्ट्रेलिया जीत गया। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला इसलिए वे जीत गए।' वह ठीक है। सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं (मैंने ट्रॉफी नहीं दी)। मुझे अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी प्रदान करने में खुशी होगी।''

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आपको बता दें, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 51वां टेस्ट मैच खास बनाने के लिए दोनों देशों के बीच खेले जाने वाली सीरीज को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम दिया गया। जिसकी शुरुआत साल 1996 में हुई। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर के सम्मान में सीरीज का नाम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी रखा गया था, क्योंकि उस समय टेस्ट क्रिकेट में इन्हीं दो बल्लेबाजों के नाम 10 हजार से ज्यादा रन थे।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गलती पर क्या कहा

इस पूरे मामले को तूल पकड़ता देख क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी गलती मानी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बोर्ड ने कहा कि हम इस बात को मानते हैं कि एलन बॉर्डर के साथ-साथ सुनील गावस्कर भी स्टेज पर होते तो ज्यादा बेहतर होता। रिपोर्ट के मुताबिक क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ये प्लान के मुताबिक हुआ है। यह हुआ था कि भारत जीतता है तो गावस्कर ट्रॉफी देंगे। वहीं ऑस्ट्रेलिया जीतता है तो बॉर्डर ट्रॉफी देंगे।