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पाकिस्तान की नाकामियों के बावजूद सैनिकों को क्यों मिलते हैं मेडल? जानिए पूरा सच

पहलगाम हमले में पाकिस्तान के हाथ की पुष्टि के बीच भारत-पाक सीमा पर तनाव चरम पर है। जानिए कैसे पाकिस्तान बिना युद्ध जीते अपने सैनिकों को मेडल और सितारे बांटता है और इसके पीछे का कारण क्या है। 

पाकिस्तान की नाकामियों के बावजूद सैनिकों को क्यों मिलते हैं मेडल? जानिए पूरा सच

India Pakistan Border Tansion: पहलगाम हमले के बीच पाकिस्तान का हाथ है। भारत की कार्रवाई से पहले पड़ोसी मुल्क के हवाईयां उड़ी हुई हैं। पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर से लेकर बिलावल भुट्टों का परिवार पाकिस्तान छोड़कर विदेश जा चुका है। बावजूद इसके पाकिस्तान लगातार भारत को गीदड़भभकी दे रहा है। वैसे तो पाक के नापाक मसूंबों को भारतीय सेना ने हमेशा नाकाम किया है। शायद ही ऐसी कोई जंग हो जो भारत के खिलाफ पड़ोसी देश ने जीती हो। भारत क्या आसपड़ोस के देशों से भी पाकिस्तान कभी जीत नहीं पाया है। हालांकि इसके बाद भी आपने पाकिस्तानी सेना की वर्दी पर कई सारे स्टार्स लगे देखें होंगे। क्या कभी आपने सोचा है, आखिर बिना कोई जंग जीते इन्हें इतने सारे स्टार्स कैसे मिल जाते हैं, अगर नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं। 

हार के बाद भी पाकिस्तान देता मेडल !

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान को इससे कोई मतलब नहीं है, उसके जवानों ने कितनी जंग जीती हैं। पड़ोसी मुल्क में सरकार सैनिकों को मेडल उनकी सेवा और वीरता को ध्यान में रखते हुए देती है। जैसे कोई किसी ऑपरेशन में शामिल हुआ है, कोई बॉर्डर पर तैनात हुआ है। जंग छोड़िए,आतंरिक परिस्थितियों पर नियंत्रित पाने वाले सैनिक सरकार से मैडल पाते हैं। यही वजह है, अक्सर पाकिस्तानी सेना की वर्दी में कई सारे मेडल लगे होते हैं। पाकिस्तान अपने सैनिकों को 1948, 1965 औरर 1971 में हुए युद्ध के अलावा आंतरिक मामलों में भी सैनिकों को मेडल से सम्मानित करते आ रहा है। 

पाकिस्तान का सबसे ऊंचा सैन्य पुरस्कार

बता दें, पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार निशान-ए-हैदर है, जिसे सशस्त्र बलों के सदस्यों को बहादुरी दिखाने पर प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार जमीन, हवा या समुद्र में दुश्मन का सामना करते हुए सर्वोच्च शौर्य के लिए दिया जाता है।