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अटारी बॉर्डर पर फूट पड़ा अफशीन का दर्द, बोलीं- मायका भारत है, ससुराल पाकिस्तान

अटारी बॉर्डर पर अफशीन जहांगीर का छलका दर्द, बोलीं- भारत मायका है, पाकिस्तान ससुराल। जानिए क्यों वीजा रद्दीकरण ने कई परिवारों को रुला दिया।

अटारी बॉर्डर पर फूट पड़ा अफशीन का दर्द, बोलीं- मायका भारत है, ससुराल पाकिस्तान

पहलगाम के निकट बैसरन घाटी में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश की लहर है। इसी बीच भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया है। इस फैसले के बीच कई निर्दोष लोग भी मुश्किल में फंस गए हैं, जिनकी कहानी दिल को छूने वाली है।

अटारी बॉर्डर पर छलका अफशीन जहांगीर का दर्द
पंजाब के अटारी बॉर्डर पर अफशीन जहांगीर अपने बच्चों के साथ खड़ी थीं, आंखों में आंसू और दिल में बेचैनी। जोधपुर से आई अफशीन ने बताया कि वह अपने पति के पास लौटना चाहती हैं, लेकिन हालात ने उन्हें दर-बदर कर दिया है। अफशीन का कहना है, "हमें अचानक कहा गया कि 48 घंटे में भारत छोड़ दो, लेकिन हम इतनी जल्दी कैसे निकल सकते हैं? बसें भी नहीं मिलीं।"

आधी भारतीय, आधी पाकिस्तानी, पर दिल पूरी तरह मां
अफशीन की कहानी आम नहीं है। वह खुद को आधी भारतीय और आधी पाकिस्तानी बताती हैं। उनका पासपोर्ट भारतीय है और वे हर नियम का पालन करते हुए आई थीं। "मेरे लिए भारत मायका है और पाकिस्तान ससुराल। क्या एक मां अपने बच्चों से जुदा रह सकती है?" अफशीन ने सवाल भरी निगाहों से कहा।

आतंकवाद से दुखी, लेकिन इंसानियत की बात करती अफशीन
पहलगाम हमले को लेकर अफशीन ने साफ कहा, "जो आतंकवादी हमला हुआ, उसके लिए शर्मिंदगी है। लेकिन आम जनता का क्या कसूर?" उन्होंने कहा कि आतंकी उनके रिश्तेदार नहीं हैं। अफशीन ने कहा, "खुदा के घर में देर है, लेकिन अंधेर नहीं। मासूमों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।"

वीजा नियमों पर उठाए सवाल, दोनों सरकारों से की अपील
अफशीन ने भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों से अपील करते हुए कहा, "हम जैसे लोगों के लिए एक अलग रास्ता खोला जाए। कई लड़कियां भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत ब्याही गई हैं। हमें इंसानियत के नाते देखा जाए, न कि सरहदों के हिसाब से।"