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वसुंधरा राजे और ललित मोदी: एक ऐसी दोस्ती जिसने राजनीति में खड़ा किया विवादों का तूफान

वसुंधरा राजे और ललित मोदी की दोस्ती से विवाद तक की कहानी ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया था। जानिए कैसे एक पारिवारिक रिश्ता वसुंधरा के राजनीतिक करियर के लिए सिर दर्द बन गया।

वसुंधरा राजे और ललित मोदी: एक ऐसी दोस्ती जिसने राजनीति में खड़ा किया विवादों का तूफान

राजस्थान की दो बार सत्ता संभालने वाली वसुंधरा राजे किसी पहचान की मोहताज नहीं है। सुबे का बच्चा-बच्चा उनका नाम जानता है। वैसे तो महारानी से जुड़ी अदावतों के किस्से हर कोई सुनता ही है लेकिन क्या आपने राजे की दोस्ती से विवाद तक की कहानी पढ़ी है? यह एक ऐसा विवाद है जिसने उन्हें मुश्किलों में डाल दिया था और उनका दोस्त कोई और नहीं बल्कि भगोड़ा ललित मोदी था। बिजनेस,पॉलिटिक्स और क्रिकेट में ललित मोदी एक वक्त पर बड़ा नाम हुआ करता था तो चलिए जानते हैं कि ललित मोदी की राजघराने की रहने वाली वसुंधरा राजे से दोस्ती कैसे हुई? 

वसुंधरा राजे और ललित मोदी कैसे बने दोस्त? 

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं वसुंधरा राजे और ललित मोदी लंबे वक्त से एक दूसरे को जानते थे। यूं कहे तो दोनों एक दूसरे के पारिवारिक दोस्त थे। रिपोर्ट दावा करती है वसुंधरा राजे की मां विजया राधे सिंधिया ललित मोदी के पिता कृष्ण कुमार की दोस्त हुआ करती थीं। बस यही से दोनों के बीच पारिवारिक रिश्ता शुरू हुआ। धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गए। दोस्ती इतनी खास थी कि 2003 में वसुंधरा राजे के सीएम बनने पर ललित ने नागौर क्रिकेट एसोसिएशन में एंट्री ली थी। कहा तो ये भी जाता है, मुख्यमंत्री वसुंधरा बनी थीं लेकिन नजदीकयों का फायदा ललित मोदी उठाया करते थे। यहां तक ललित के आदेश के बिना अधिकारी कम तक नहीं करते थे। 

ललित से दोस्ती वसुंधरा को पड़ी भारी !

सियासी जानकार मानते हैं, वसुंधरा राजे से नजदीकियों का ललित मोदी फायदा उठाते थे। अधिकारियों से लेकर मंत्रियों को आदेश देते थे। बस यही कहकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया था। उसे वक्त कहा जाता था, प्रदेश में ज्यादा से राजे से ज्यादा ललित मोदी की चलती है। कांग्रेस लगातार दावा कर रही थी वसुंधरा राजे पावर में भले हो लेकिन असली ताकत ललित मोदी के पास है। खास बात थी ललित मोदी जयपुर के सबसे आलीशान होटल रामबाग पैलेस के एक स्वीट में पत्नी मीनल के साथ रहते थे। जहां उनसे मिलने अधिकारी और मंत्री आते थे। कांग्रेस ने तो ललित मोदी को सुपर सीएम का टैग भी दे दिया था। हालांकि 2003 से 2008 का वो समय था जब ललित मोदी को दुनिया जान चुकी थी। 2008 में ललित क्रिकेट में पहचान बना रहे थे। एक तरफ ललित सपनें साकार कर रहे थे तो प्रदेश की सियासत में राजे की राजनीति हिचकोले खा रही थी। कांग्रेस ने महारानी-ललित मोदी की दोस्ती का मुद्दा कुछ इस कदर भुनाया कि, 2008 में राजे को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।

2008 से 2013 के बीच ललित मोदी क्रिकेट में पद जमा चुके थे लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के आप भी लग रहे थे। मामला बड़ा हुआ तो उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी सामने आया और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई ललित मोदी पर शिकंजा कसता गया। आखिर में बीसीसीआई ने ललित पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया और जांच के लिए कमेटी का गठन किया। बताया जाता है इस कमेटी में वसुंधरा राजे और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल थे। दावा किया जाता है जब ललित यादव भाग कर यूके पहुंच गया था तब वसुंधरा राजे ने चिट्ठी लिखी थी और उन्होंने कांग्रेस पर ललित मोदी को बदनाम करने का आरोप लगाया था हालांकि यह चिट्ठी कितनी सच है इसके बारे में कोई नहीं जानता। इसे लेकर एक मीडिया चैनल द्वारा दावा किया गया था। हालांकि बात बढ़ने पर वसुंधरा राजे मीटर के सामने आई थी और उन्होंने इसे झूठ करार दिया था।