Rajasthan: निकाय चुनाव से पहले राजकुमार रोत से डरी कांग्रेस ! बिगाड़ेंगे चुनावी खेल
राजस्थान में निकाय चुनाव से पहले सियासी पारा गरमाया हुआ है। कांग्रेस और बीएपी के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है, वहीं चुनावों में राजकुमार रोत की भूमिका भी अहम हो गई है। जानें राजस्थान की राजनीति का ताजा हाल।

राजस्थान में 2025 कई मायनों का खास होने वाला है। बीजेपी उपचुनाव के बाद नगर निकाय और पंचायती राज चुनाव जीतने में फोकस कर रही है तो कांग्रेस के सामने लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। चुनावों में भले अभी लंबा वक्त हो लेकिन सियासी बयानबाजी से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। सियासत के लिहाज से सभी पार्टियों के लिए नगर निकाय चुनाव महत्वपूर्ण जाना जा रहा है। बीजेपी साइलेंट रहकर तैयारी कर रही है तो कांग्रेस ने फ्रंट फुट की रणनीति अपनाते हुए विपक्षी नेताओं पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। इस बार उसके निशाने पर बीजेपी से ज्यादा राजकुमार रोत की पार्टी बीएपी का नाम है। इतना ही नहीं खुद गोविंद डोटासरा ने इस बारे में प्रतिक्रिया दी थी।
आमने-सामने आए रोत और डोटासरा
गौरतलब है, लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल के साथ राजकुमार रोत को अपना समर्थन दिया था लेकिन उपचुनाव में सभी की राहें अलग हो गईं। यहां तक बीएपी ने सबसे पहले अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। जिससे सबके लेते हुए अब निकाय चुनाव में कांग्रेस ने बीएपी से दूर रहने का फैसला किया है। बीते दिनों डोटासरा ने रोत पर निशाना साधते हुए कहा था,प्रदेश में एक नेता है जो हमेशा भील प्रदेश की मांग करते हैं। इसे खारिज किया जाना चाहिए। ये पूरी तरह से गलत है। वहीं, रोत कुछ दिनों पहले, दिल्ली जाकर पीएम मोदी, और अमित शाह से मुलाकात की थी। ये बात भी कांग्रेस को रास नहीं आई और एक के बाद एक कई कांग्रेस नेताओं ने रोत को आड़े हाथ लिया था।
गठबंधन के मूड में नहीं राजकुमार रोत
गौरतलब है, मामला बढ़ने पर खुद सासंद राजकुमार रोत ने प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, ये मुझे बताने की जरूरत नहीं है कि किसे समर्थन मिला है। जनता ने उपचुनावों में अपना फैसला चुनाया था। जो कभी 6 सीटों पर जीते थे, वह एक सीट पर आ गए। बता दें, नवंबर महीने में हुए उपचुनावों में बीएपी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए चौरासी सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि सलूंबर पर कुछ वोटों से बीजेपी प्रत्याशी से बीएपी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था।
एक साल में मजबूत हुई बीएपी
राजस्थान की राजनीति में लगभग एक साल पहले कदम रखने वाली बीएपी ने सभी को हैरान कर दिया है। लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है। ऐसे में अब राजकुमार निकाय चुनाव को लेकर भी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। 5 विधायक और एक सांसद के साथ बीएपी राजस्थान की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, आदिवासी समाज में राजकुमार रोत अच्छी पकड़ रखते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा वह निकाय चुनाव में किसका खेल बिगाड़ते और बनाते हैं।