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Jaipur: राजस्थान कांग्रेस में सियासी तूफान! दिल्ली पहुंचा विवाद, शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे डोटासरा

राजस्थान कांग्रेस में घमासान! टीकाराम जूली और गोविंद डोटासरा के बीच बढ़ते मतभेद से सियासी अटकलें तेज। जानिए क्या है पूरा मामला और डोटासरा के दिल्ली दौरे का असली कारण।

Jaipur:  राजस्थान कांग्रेस में सियासी तूफान! दिल्ली पहुंचा विवाद, शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे डोटासरा

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में रार बढ़ती जा रही है। सदन से शुरू हुआ विवाद अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुका है। ये हम नहीं बल्कि सामने आ रही जानकारी कह रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दिल्ली पहुंचे है। कहा जा रहा है, वह कल शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। खैर वह दिल्ली किस मसले को लेकर पहुंचे है ये साफ नहीं है लेकिन उनका सदन न जाने के बीच दिल्ली पहुंचना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

दिल्ली पहुंचा डोटासरा-जूली विवाद ?

विधानसभा में जबसे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने माफी मांगी है, उसके बाद से सदन के अंदर गतिरोध भले खत्म हो गया हो लेकिन अब कांग्रेस पार्टी में घमासान जारी है।  जूली के पायलट, डोटासरा समेत कई नेताओं से मतभेद सामने आ रहे हैं। हालांकि कहा तो ये भी जा रहा है डोटासरा के दिल्ली जाने का मकसद जिलाअध्यक्षों की नियुक्ति है। वह प्रस्ताव लेकर शीर्ष नेताओं के पास पहुंचे हैं। निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने पर भी चर्चा हो सकती है लेकिन ये कितना सच है कोई नहीं जानता। 

सचिन पायलट ने भी दिया था बयान

बुधवार सुबह मीडिया से बीतचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा था, टीकाराम जूली कांग्रेस के युवा नेता है। जो उनके साथ भी काम कर चुके है। दलितों के हित के लिए कांग्रेस ने दलित समाज के व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। यही बात बीजेपी हजम नहीं कर पा रही है। कांग्रेस एकजुट थी और रहेगी। 

कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं ?

जूली-डोटासरा के रिश्तों में आई खटास के बाद अब कई तरह की बातें की जा रही है। सचिन पायलट के बयान ने इस अफवाहों पर विराम लगाने का काम किया था लेकिन डोटासरा के दिल्ली पहुंचते ही अटकलें फिर से तेज हो गई है। दूसरी ओर बीजेपी इस मसले को भुनाने में लगी हुई है। खैर, भले कांग्रेस कह रही हो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के बीच सबकुछ ठीक है लेकिन जो नेता पूरे सदन भर सत्ताधारी दल पर हमलावर रहा। ऐसे में अचानक से सदन से गायब रहा बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।