Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

विधानसभा में रोने का नाटक या राजनीतिक ड्रामा? हनुमान बेनीवाल ने डोटासरा पर बोला बड़ा हमला

Rajasthan Politics: हनुमान बेनीवाल ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता विधानसभा में रोकर सिर्फ राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं. क्या डोटासरा की यह भावुक राजनीति कांग्रेस को बचा पाएगी या यह सिर्फ एक और नाकाम पॉलिटिकल स्टंट साबित होगा?

विधानसभा में रोने का नाटक या राजनीतिक ड्रामा? हनुमान बेनीवाल ने डोटासरा पर बोला बड़ा हमला
विधानसभा में रोने का नाटक या राजनीतिक ड्रामा?

जयपुर: राजस्थान की सियासत में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को लेकर हो रही है. कांग्रेस नेता डोटासरा ने विधानसभा में जिस तरह से रोए हैं, उस पर आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने करारा हमला बोला है. बेनीवाल ने साफ कहा कि ये असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का कांग्रेस का पुराना फॉर्मूला है.

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान की जनता को धोखा दिया है. अब जब जनता का गुस्सा इन पर फूटने लगा है, तो ये ड्रामा करने लगे हैं. पहले विधानसभा में हंगामा किया, फिर रोने लगे और बाद में माफी मांग ली. अगर गलती की थी, तो माफी क्यों? और अगर सही थे, तो रोने की नौबत क्यों आई? कांग्रेस के बड़े नेता खुद ही हताश हो चुके हैं, क्योंकि पार्टी चार गुटों में बंट चुकी है.


"पहले हुड़दंग, फिर माफी, कांग्रेस का पुराना खेल"
बेनीवाल ने डोटासरा पर तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा में जो हुआ, वो सिर्फ एक पॉलिटिकल स्टंट था. जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं, तब बाड़मेर के विधायक हेमाराम भी विधानसभा में रोए थे. तब कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया था, अब खुद वही कर रहे हैं. अगर कांग्रेस के नेता खुद को सही मानते हैं, तो उन्हें माफी नहीं मांगनी चाहिए थी. डोटासरा को कांग्रेस में भी गंभीरता से नहीं लिया जाता.

हनुमान बेनीवाल ने सीधा आरोप लगाया कि डोटासरा सिर्फ नाम के प्रदेश अध्यक्ष हैं, असल में कांग्रेस में उनकी कोई सुनवाई नहीं होती. गहलोत और पायलट की लड़ाई में कांग्रेस बंटी हुई है, और डोटासरा बस खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए ऐसे स्टंट कर रहे हैं. जनता अब इस तरह के ड्रामे में फंसने वाली नहीं है."

"राजस्थान को असली मुद्दों पर चर्चा चाहिए, ड्रामा नहीं."
बेनीवाल ने कहा कि महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी बढ़ रही है, किसान परेशान हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता रोने-धोने का नाटक कर रहे हैं. राजस्थान में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है, लेकिन कांग्रेस को अपनी राजनीति चमकाने से ही फुर्सत नहीं है. विधानसभा में जनता के मुद्दे उठाने की बजाय कांग्रेस नेता कैमरे में आने के लिए नौटंकी कर रहे हैं."

"डोटासरा के आंसू से कांग्रेस का डूबता जहाज नहीं बचेगा."
हनुमान बेनीवाल ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को सच में राजस्थान की चिंता होती, तो उनके नेता इस तरह की हरकतें नहीं करते. डोटासरा जितना चाहें ड्रामा कर लें, जनता अब कांग्रेस को माफ करने वाली नहीं है. 2028 में राजस्थान की राजनीति पूरी तरह बदल जाएगी, और कांग्रेस का बचा-खुचा जनाधार भी खत्म हो जाएगा.