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डोटासरा की नाराजगी के पीछे क्या है कांग्रेस की अंदरूनी कहानी? जानें पूरा माजरा

राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह और गुटबाजी को लेकर जालौर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायकों को सख्त नसीहत दी। राजीव गांधी भवन कार्यक्रम में विधायकों की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जाहिर की।

डोटासरा की  नाराजगी के पीछे क्या है कांग्रेस की अंदरूनी कहानी? जानें पूरा माजरा

जयपुर। राजस्थान की सियासत में गोविंद सिंह डोटासरा का नाम जोरों-शोरों से लिया जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं लेकिन बीते दिन जालौर पहुंचने पर उन्होंने बीजेपी न सही बल्कि पार्टी के कई नेताओं की क्लास लगा दी और यहां तक बातों-बातों में बड़ा सियासी संदेश भी दे गए। जिसके बाद चर्चाओं का दौर जारी है क्या कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रहे हैं, ,क्या पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है जिस वजह से खुले मंच पर आकर डोटासरा को नसीहत देनी पड़ी। ऐसे कई प्रश्न हैं जो इस वक्त सियासी जानकारों को हैरान कर रहे हैं। 

विधायकों के ना आने से भड़के डोटासरा 

जालौर में राजीव गांधी भवन का जीर्णोद्धार कार्यक्रम से दो विधायकों ने दूरी बनाई। जिसमें जालौर के विधायक जतन देवासी और समरजीत कोहली तो सिरोही विधायक मोती कोहली ने इससे दूरी बनाई। जब डोटासरा से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, इस बार हम विचार करेंगे। अगर आपके पास कोई काम नहीं है तो संगठन के कार्यक्रम में आना पड़ेगा। हालांकि अगर कोई व्यक्तिगत मतभेदों के कारण नहीं आ रहा है तो ये मामला ठीक नहीं है।

संगठन से खुश नहीं विधायक 

गौरतलब है, अक्सर जालौर और सिरोही से कांग्रेस अंतर्कलह की खबरें आती रहती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स तो दावा करती हैं यहां पर पार्टी कार्यकर्ताओं के के साथ विधायकों भी नहीं सुनी जाती है। एक-दूसरे पर गुटबाजी हावी है। यही कारण है, बीते कई सालों यहां पर कांग्रेस कमजोर हो गई है। ऐसे में अगर गोविंद डोटासरा विधायकों को और भी ज्यादा अल्टमेटम देते हैं तो बात बिगड़ सकती है। डोटासरा साथ पार्टी यहां पर विचार करने की जरूरत है। ताकि संगठन दोनों जगहों पर मजबूती से खड़ा किया जा सके।