Rajasthan: "शिक्षा के मंदिर में मनमानी नहीं चलेगी", उर्दू विवाद पर बिफरे मदन दिवालर, बोल गए बड़ी बात
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उर्दू शब्दों के इस्तेमाल पर कड़ा रुख अपनाया है। बारां जिले के एक स्कूल में विदाई समारोह के निमंत्रण पत्र पर उर्दू में "जश्न-ए-अलविदा" लिखने को लेकर विवाद हो गया है, जिसकी जांच शुरू हो गई है।

जयपुर। सूबे की राजनीति में इन दिनों शिक्षा का मुद्दा जोरों शोरों से छाया हुआ है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी कड़े कड़े तेवर दिखा रहे हैं। बीते दिनों सोशल मीडिया पर बारां जिले के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में आयोजित होने वाले विदाई समारोह का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जहां निमंत्रण हिंदी की बजाय उर्दू में लिखा गया था। बात इतनी बढ़ी, कलेक्टर ने जांच बिठा दी। वहीं जब इस बारे में शिक्षा मंत्री से सवाल पूछा गया तो उन्होंने ऐसा करने वालों को सख्त हियादत दी।
उर्दू के इस्तेमाल पर क्या बोले मदन दिलावर?
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मदन दिलावर ने कहा, यह कोई जश्न ए अलविदा कार्यक्रम नहीं था। विद्यालय में वार्षिक विदाई समारोह का आयोजन था। उसमें इस तरह के निमंत्रण छपवाना किसी भी तरह से बर्दाश्त योग्य नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए। वहीं, जब उनसे उर्दू पर आपत्ति पर सवाल किया गया तो शिक्षा मंत्री ने कहा आपत्ती यह है कि अगर उनके पास हिंदी शब्दकोश में ऐसा कोई शब्द नहीं था तो अधिकारियों को बताते, बात हम तक पहुंचाते। हिंदी में हम उर्दू का उपयोग नहीं कर सकते। कहा, शिक्षा के मंदिर में मनमानी नहीं चलेगी। स्कूल हमारे हिसाब से चलेंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में होंगे बड़े बदलाव- दिलावर
गौरतलब है इन दोनों शिक्षा का मुद्दा प्रदेश की सियासत में छाया हुआ है। एक तरफ भजनलाल सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल में खोले गए स्कूलों की समीक्षा का आदेश दिया। तो दूसरी ओर अब उर्दू और भगवा रंग के स्कूल होने पर भी बात बढ़ने लगी है। शिक्षा मंत्री का कहना है बीजेपी का उद्देश्य छात्रों का भविष्य सुधारना और उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा देना है। ऐसे में जो बदलाव जरूरी होंगे उससे लागू करने के लिए भजनलाल सरकार प्रतिबद्ध है। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में केवल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया है।