शिक्षा मंत्री ने पिछली सरकार पर मिड डे मील को लेकर ऐसा क्या कहा कि मच गया बवाल, 1700 करोड़ का है मामला!
मदन दिलावर ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर इस पूरे मामले की दोबारा जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने अपने करीबी लोगों से जांच करवाई और घोटालेबाजों को क्लीनचिट दिला दी।
शिक्षा मंत्री ने गहलोत सरकार पर मिड डे मील को लेकर ऐसा क्या कहा कि मच गया बवाल, 1700 करोड़ का है हैरान कर देने वाला मामला

राजस्थान में कांग्रेस की पिछली सरकार के दौरान हुए एक और घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विधानसभा में बड़ा दावा किया कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में मिड-डे मील योजना और मदरसा बोर्ड के यूनिफॉर्म वितरण में भारी वित्तीय अनियमितता हुई थी।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान जब स्कूल बंद थे, तब भी सरकार ने मिड-डे मील के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए। सरकार ने दावा किया था कि मिड-डे मील की सामग्री बच्चों के घर तक पहुंचाई गई, लेकिन सीएजी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ कि 1700 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ। कई जिलों में यह सामग्री रिकॉर्ड में बंट चुकी थी, लेकिन हकीकत में पैकेट पड़े मिले।
'बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे तो खाना किसको दिया'
मदन दिलावर ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए कहा कि जब बच्चे स्कूल ही नहीं आ रहे थे, तो यह मिड-डे मील आखिर किसे दिया गया? वित्त विभाग ने सलाह दी थी कि बच्चों के अभिभावकों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाएं, लेकिन सरकार ने खुद सामग्री वितरित करने का फैसला लिया। इसी दौरान टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ी हुई और करोड़ों का घोटाला किया गया।
मदरसा बोर्ड में यूनिफॉर्म वितरण में खेल
मिड-डे मील के अलावा मदरसा बोर्ड में भी अनियमितताओं की बात सामने आई है। मदन दिलावर ने कहा कि यूनिफॉर्म वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। टेंडर प्रक्रिया में धांधली की गई और जरूरतमंद बच्चों तक यूनिफॉर्म पहुंच ही नहीं पाई।
दोषियों पर कार्रवाई तय
मदन दिलावर ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर इस पूरे मामले की दोबारा जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने अपने करीबी लोगों से जांच करवाई और घोटालेबाजों को क्लीनचिट दिला दी। अब नई कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।