Rajasthan: कांग्रेस का 'बाबा किरोड़ी' प्रेम, BJP के लिए चुनौती या सियासी चाल? जानें सियासी मायने
Congress on Kirodi Lal Meena: राजस्थान विधानसभा सत्र के पहले दिन किरोड़ी लाल मीणा के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के सॉफ्ट कॉर्नर ने राजनीतिक पंडितों का ध्यान खीचा है। जानिए कांग्रेस क्यों नरम है और इसके सियासी मायने क्या हैं।

राजस्थान में विधानसभा सत्र के पहले दिन कई बडे़ घटनाक्रम देखने को मिले। एक तरफ कांग्रेस के कई नेता नरेश मीणा के पक्ष में खड़े दिखाई दिये तो दूसरी तरफ गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर सचिन पायलट ने किरोड़ी लाल मीणा के मुद्दे पर बयान दिया। देखा जाए तो बाबा किरोड़ी पर कांग्रेस ने नरम रूख अख्तियार किया हुआ है। ऐसे में आखिर क्यों कांग्रेस के बड़ा नेता बाबा के साथ खड़े दिखाई दे रहे और इसके सियासी मायने क्या है? ये जानने की कोशिश करें।
किरोड़ी लाल पर कांग्रेस नेताओं का बयान
बजट सत्र से पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने किरोड़ी लाल मीड़ा पर बयान देते हुए कहा था, उनके साथ बीजेपी ज्यादती कर रही है। पार्टी ने उनकी कभी सुनी है। ये मैं जानता हूं वो कभी झुके नहीं। जो इंसान वसुंधरा राजे के सामने नहीं झुका तो वह इस सरकार के सामने क्या झुकेगा। कह,बीजेपी ने विभागों का बंटरवारा कर दिया। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। वरिष्ठ नेताओं का सम्मान हो चाहिए। हम दूसरी पार्टी से हैं लेकिन व्यक्तिगत तौर पर उनका सम्मान करते हैं।
जबकि विधानसभा सत्र के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा, , डा. साहब के बारे में कुछ बोलना नहीं चाहता। वह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि जब से बीजेपी सरकार बनी है तब से वह दुविधा में हैं। मैं बस इतना जानता हूं, भर्ती परीक्षा से लेकर घाटालों तक उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है।
किरोड़ीलाल मीणा ने दिखाए सख्त तेवर
बीते दिन मीडिया से बातचीत करते हुए भजनलाल सरकार को आडे़ हाथ लिया था और कहा ये समय आज मिलावट का है। अगर हां में हां करेंगे तभी रिश्ते लंबे टिके हैं। बलिदान न कहने वालों को देना पड़ता है। मेरी हां कहने की आदत नहीं है। पांच साल तक विपक्ष में रहते लाठी-डंडे खाए संघर्ष किया। उसकी चलते सत्ता में आए। अगर वही पूरा न हो तो मैं भी मुरझा जाऊंगा।
कांग्रेस के लिए क्यों खास बाबा किरोड़ी ?
बता दें, किरोड़ी लाल मीणा और वसुंधरा राजे की अदावत के बाद बाबा गहलोत के पाले में चल गए थे। यहां तक उन्होंने पत्नी को मंत्री भी बनवा दिया था, हालांकि समय के साथ चीजें बदली और मीणा बीजेपी के हो गए लेकिन एक बार फिर ये हालात बिगड़ने लगे हैं। ढेड़ महीने पहले तक सरकार के कामों की बढ़ाई करने वाले किरोड़ी लाल मीणा अब तेवर दिखा रहे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने क प्रयास कर रही है। अगर देखा जाये तो 40 दिनों के इस बजट सत्र में सत्तापक्ष पर कांग्रेस भारी पढ़ने वाली है। वहीं, देखना होगा बाबा किरोड़ी द्वारा फोड़े गये पर कांग्रेस क्या राजनीति करती है।