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राजस्थान विधानसभा में ‘पाकिस्तानी’ टिप्पणी से मचा बवाल! रफीक खान ने पूछा – क्या मुसलमान विधायक होना अपराध है?

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक रफीक खान के भाषण के दौरान ‘पाकिस्तानी’ टिप्पणी से बवाल मच गया. इस पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए. रफीक खान ने सदन में सवाल उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पढ़ें, पूरा मामला.

राजस्थान विधानसभा में ‘पाकिस्तानी’ टिप्पणी से मचा बवाल! रफीक खान ने पूछा – क्या मुसलमान विधायक होना अपराध है?
‘पाकिस्तानी’ टिप्पणी पर विधानसभा में हंगामा

राजस्थान विधानसभा का सत्र हाल ही में तीखी बहस और विवाद का गवाह बना, जब कांग्रेस विधायक रफीक खान के संबोधन के दौरान ‘पाकिस्तानी-पाकिस्तानी’ के नारे लगे. आरोप है कि यह नारे बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा की ओर से लगाए गए थे. इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई.

इस घटना से आहत होकर विधायक रफीक खान जब मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तो उनकी भावनाएं छलक पड़ीं. उन्होंने कहा, “क्या मुसलमान विधायक होना अपराध है? अगर ऐसा है, तो एक कानून लाया जाए कि मुस्लिम विधायक इस सदन में नहीं आ सकते.” उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर निराशा व्यक्त की.

कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने
इस विवाद के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच टकराव और तेज हो गया. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे बीजेपी की संकीर्ण मानसिकता करार देते हुए कहा, “हम बीजेपी के स्तर तक नहीं गिर सकते, लेकिन इस तरह की टिप्पणियां उनकी सोच उजागर करती हैं.” वहीं, बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने बचाव करते हुए कहा कि “यह टिप्पणी जानबूझकर नहीं की गई थी, बल्कि मुंह से निकल गई थी.” उन्होंने यह भी दावा किया कि गोपाल शर्मा इस बयान पर खेद जता चुके हैं.

राजनीति गरमाई, असली मुद्दों से भटकाव?
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह इस तरह की बयानबाजी कर सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी ने भी कांग्रेस पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने पहले भी विधानसभा अध्यक्ष पर हमले की कोशिश की थी और इस विवाद को जानबूझकर तूल दिया जा रहा है.

इस विवाद के चलते विधानसभा में राजनीतिक माहौल गरमा गया है और दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. देखना होगा कि इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या यह भी महज एक राजनीतिक विवाद बनकर रह जाता है.