Rajasthan: कांग्रेस बनाम सरकार ! बजट सत्र में आर-पार की तैयारी, इन मुद्दों पर गरमाएगी राजनीति
राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है। जिलों के पुनर्गठन, पंचायत चुनाव और स्कूलों की समीक्षा जैसे मुद्दों पर तीखी बहस देखने को मिल सकती है। जानिए कांग्रेस ने सत्र के लिए क्या रणनीति तैयार की है।

जनवरी महीना राजस्थान की राजनीति के लिहाज से बेहद खास होने वाला है। 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी है। कांग्रेस ने भजनलाल सरकार को घेरने का प्लान बनाया है। कांग्रेस सड़क से संसद तक कई मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछने के लिए आतुर दिखाई दे रही है। जिसमें जिले-संभाग खत्म के करने अलावा पूर्व अशोक गहलोत सरकार में खोले गए स्कूलों की समीक्षा का मुद्दा भी शामिल है।
कांग्रेस ने बनाया मेगा प्लान
कांग्रेस जिस तरह से आगामी बजट सत्र की तैयारी कर रही है, उससे एक बात तो साफ है, सत्र में जोरदार हंगामा होने वाला है। कांग्रेस प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कमान अपने हाथों में लेते हुए कवायद और भी तेज कर दी है। इतना ही नहीं, मुद्दों की बकायदा लिस्ट तैयार की गई है कि किन विषयों पर सरकार से कांग्रेस जवाब मांगेगी।
1) प्रदेश में 9 जिलों की समाप्ति
गौरतलब है, बीते दिनों भजनलाल सरकार ने पूर्व अशोक गलहोत सरकार का फैसला पलटते हुए दो संभागों और 9 जिलों की समाप्ति का ऐलान किया था। जिसके बाद से कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रही है। वहीं, इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में भी कांग्रेस जोरों-शोरों से उठाएगी।
2) पंचायत राज और नगर निकाय चुनाव में देरी
राजस्थान में 2025 चुनाव में बीतने वाला है। इस वर्ष 291 नगर निकाय और 7 हजार पंचायत समिति में चुनाव होने हैं। जिनमें ज्यादातर का कार्यकाल मार्च महीने में पूरा हो रहा है। सभी पार्टियों ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है लेकिन सरकार के वन स्टेट वन इलेक्शन और अब परिसीमन के बाद देरी हो सकती है। स्वायत्त शासन विभाग परिसीमन प्रक्रिया शुरू भी कर चुका है हालांकि इसमें लंबा वक्त लगेगा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं चुनाव मार्च के बाद हो सकते हैं। इसलिए चुनाव कब और कैसे कराए जायेंगे। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भी सरकार से सवाल कर सकती है।
3) सरकारी स्कूलों की समीक्षा
भजनलाल सरकार ने सत्ता में आते पूर्ववर्ती सरकार की कई योजनाओं के समीक्षा के आदेश दिये थे। पहले बीजेपी सरकार ने नौ जिले रद्द किये तो दूसरी तरफ गहलोत सरकार में खोले गए इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों पर भी कांग्रेस-बीजेपी आमने है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी बनाई है। बस इस फैसले से कांग्रेस हमलावर है और आरोप लगा रही है, बीजेपी गरीब बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ने नहीं देना चाहती है। ऐसे में विधानसभा सत्र के दौरान ये मु्द्दा भी कांग्रेस भुनाने से पीछे नहीं हटने वाली है।