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"थानेदार की जेब में बजरी माफिया, SP तक पहुंची शिकायत... लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हुई?"

Illegal Sand Mining: राजस्थान विधानसभा में बीजेपी विधायक अजय सिंह किलक ने नागौर एसपी पर गंभीर आरोप लगाए! उन्होंने पुलिस पर अवैध बजरी खनन से मोटी रिश्वत लेने और बेनामी संपत्ति खरीदने का दावा किया. जानिए इस चौंकाने वाले मामले की पूरी कहानी.

"थानेदार की जेब में बजरी माफिया, SP तक पहुंची शिकायत... लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हुई?"

राजस्थान विधानसभा विवाद: विधायक किलक ने कहा कि क्षेत्र के बजरी लीजधारक उनसे मिले और थांवला थानाधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. विधायक ने कहा कि इसके बाद मैंने नागौर एसपी टोगस को इस बारे में बताया तो उन्होंने उलटे कहा कि मैं रिश्वत नहीं लेता. इस पर मैंने कहा कि थानेदार मोटी रिश्वत ले रहा है. विधायक किलक ने विधानसभा में बोलते हुए आरोप लगाया कि एसपी को अवगत कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने मुख्यमंत्री को स्थिति से अवगत कराया, तब जाकर थांवला थानाधिकारी को हटाया गया.

राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। इस दौरान गृह तथा अनुदान की मांग पर बोलते हुए डेगाना विधायक अजय सिंह किलक ने नागौर एसपी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सदन में कहा कि मैंने नागौर एसपी को थांवला थानाधिकारी सूरजमल के अवैध बजरी खनन में लिप्त होने की सूचना दी थी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं. जब मैं इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिला तब जाकर कार्रवाई की गई.

विधायक अजय सिंह ने विधानसभा में कहा कि पुलिस अधीक्षक नागौर द्वारा थांवला पुलिस थाने में एएसआई सूरजमल को लगाया गया. थाने में पदस्थापन के कुछ समय बाद में एसएचओ सूरजमल बजरी माफिया से मिलकर अवैध बजरी खनन को प्रोत्साहन देने लगे और बदले में मोटी रकम प्राप्त करने लगे. 27 सितंबर 2024 को रियाबड़ी के सहायक वनपाल ने पुलिस थाना थावंला में नामजद लोगों के विरुद्ध लिखित रिपोर्ट दी थी कि वन क्षेत्र में फेंसिंग और सीमेंट पोल को क्षतिग्रस्त कर वन क्षेत्र में जेसीबी एवं डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है.

अवैध खनन का मामला
ऐसे में थामला एसएचओ ने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. बल्कि सहायक वनपाल के साथ दुर्व्यवहार किया, गाली गलौज की गई, उसे धमकाया गया। कहा कि अबकी बार शिकायत की तो तुझे ही बंद कर दूंगा। उसके बाद आज तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की हुई.
थावंला क्षेत्र के लोगों ने मुझे अवगत करवाया कि एसएचओ एक डंपर से 4 हजार से 5 हजार तक अवैध वसूली करता है. बजरी की ट्रैक्टर-ट्राली से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं. प्रतिदिन सैकड़ो ट्रैक्टर-टॉली द्वारा अवैध खनन का व्यापार किया जा रहा है.

अवैध बजरी खनन संरक्षण
जब इस संबंध में मैंने व्यक्तिगत रूप से नागौर एसपी से बात की उनका जवाब था मैं खुद रिश्वत नहीं लेता, मैं खुद पैसे नहीं लेता. जिस पर मैंने कहा थानेदार लगातार अवैध बजरी खनन संरक्षण का कार्य कर रहा है और मोटी रकम ले रहा है. लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मेरे द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया। जिसके तत्पश्चात थांवला थानेदार को वहां से हटाया गया.
मुझे पता चला कि एसएचओ द्वारा मेरे क्षेत्र से कमाई गई रिश्वत की कमाई का इनवेस्ट भी मेरे क्षेत्र में बेनामी 35 बीघा जमीन खरीद कर किया गया है. मेरा सरकार से आग्रह है कि इसकी एसओजी से जांच करवाई जाए.