Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस में घमासान! जूली-डोटासरा की लड़ाई पर क्या होगा अगला कदम?
कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी बढ़ रही है, राजस्थान में गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली के बीच मतभेद सामने आए हैं। क्या है इसके सियासी मायनें? जानें।

जयपुर। 2018 के बाद 2025 में एक बार फिर कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी दिखने लगी है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की खींचतान के कारण 2023 में पार्टी सत्ता से बेदखल हुई थी लेकिन अब विपक्ष में रहते हुए गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मतभेद सामने आने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स मानती हैं तो दोनों के बीच खटास दो-तीन महीने पहले आ गई थी। जिसे बढ़ाने का काम सदन में हुई तनातनी ने किया।
डोटासरा-जूली के बीच आईं दूरियां
टीकाराम जूली के सदन में माफी मांगने के बाद सभी छह सदस्यों का निलंबन कैंसिल कर दिया गया था। बावजूद इसके डोटासरा सदन में नहीं आ रही है। जब इस बार में टीकाराम जूलरी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था,नहीं कोई नाराजगी नहीं है। कांग्रेस बस इतना चाहती है सदन सुचारू रूप से चले। हमने निर्णय जनता के हित में लिया था। बीजेपी फूट डालो और राजनीति की नीति पर चलती है। जूली चाहे कुछ भी कहें लेकिन सूत्र मानते हैं डोटासरा सदन में जूली के माफी मांगने से नाराज है। जिसजह से अब पार्टी में भी गुटबाजी बढ़ गई है।
डोटासरा ने भी दिया रिएक्शन
वहीं, जब इस बारे में खुद डोटासरा ने कहा था, वह पार्टी से नाराज नहीं है। ये फैसला उनकी सहमति के साथ हुआ है। मेरी प्राथमिकता थी, सदन चले। दूसरी ओर इस बार पूरे सदन में अगर कोई सबसे ज्यादा हमलावर रहा है तो डोटासरा है। कई लोगों ने उनकी प्रतिक्रियाओं भी सवाल उठाए और कहा, डोटसरा सदन में जूली को बोलने नहीं देना चाहते। जिस पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, ये पूरी तरह से गलत है। कौन सदन में क्या बोलेगा ये नेता प्रतिपक्ष तय करते हैं। सदन न आने पर कहा, मेरे के खिलाफ चर्चा की गई। जहां कहा गया है, मैं जनता का प्रतिनिधि बनने लायक नहीं हूं। ये मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रहा है। हम कानूनी सलाह रहे हैं। आगे क्या करना है वो आपको पता लग जाएगा।
बीजेपी ने बताई वर्चस्व की लड़ाई
बीजेपी डोटासरा और जूली के मतभेदों को जमकर भुनाने में लगी है। वह इसे वर्चस्व की जंग का रूप देने में लगी है। सत्ता पक्ष कह रहा है, डोटासरा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को सदन में बोलने नहीं देना चाहते। खैर, बीजेपी कुछ भी कहे लेकिन सार्वजनिक तौर पर दोनों नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है। खैर, इन दिनों प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के बीच आई खटास चर्च का विषय बनी हुई है। बीजेपी इसे मसले को उछाल रही है तो कांग्रेस नेता बयानबाजी से बच रहे हैं। ऐसे में देखना होगा, कांग्रेस डोटासरा-जूली के इस तनातनी को कैसे दूर करती है।