Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

क्या वसुंधरा राजे की विरासत का विस्तार करेंगे दुष्यंत ! क्या है वसुंधरा के आगे की प्लानिंग ?

राजस्थान की राजनीति में जो ओहदा वसुंधरा राजे सिंधिया को है वो शायद ही किसी नेता का हो। लेकिन अब सवाल उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का है। जिसकी पूरी जिम्मेदारी उनके बेटे दुष्यंत की है।

क्या वसुंधरा राजे की विरासत का विस्तार करेंगे दुष्यंत ! क्या है वसुंधरा के आगे की प्लानिंग ?

वसुंधरा राजे सिंधिया, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं। उनका मुख्य उद्देश्य अपने बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह को केंद्रीय राजनीति में स्थापित करना है। इस दिशा में उन्होंने कई कदम उठाए हैं, जिनसे उनकी रणनीति स्पष्ट होती है।

दुष्यंत सिंह की क्रिकेट में सक्रियता:

वसुंधरा राजे ने दुष्यंत सिंह को क्रिकेट के क्षेत्र में सक्रिय करने का प्रयास किया है। हाल ही में दुष्यंत सिंह को झालावाड़ जिले के भारत क्रिकेट क्लब का अध्यक्ष चुना गया। यह कदम उन्हें राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में प्रवेश दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। RCA के माध्यम से दुष्यंत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड तक पहुंच सकते हैं, जिससे उनकी राजनीतिक पहुंच भी बढ़ सकती है।

लोकसभा चुनाव 2024 में दुष्यंत सिंह की उम्मीदवारी:

वसुंधरा राजे ने अपने बेटे दुष्यंत सिंह को 2024 के लोकसभा चुनाव में बारां-झालावाड़ सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने जीत भी दर्ज की। इससे पहले दुष्यंत सिंह 2004 से लगातार इस क्षेत्र से सांसद रहे हैं। वसुंधरा राजे ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि उन्हें 2004 में दुष्यंत के चुनावी संघर्ष को लेकर चिंता थी, लेकिन अब उनकी स्थिति मजबूत है।

नए रास्ते की तलाश

वसुंधरा राजे दुष्यंत सिंह के लिए नए राजनीतिक अवसरों की तलाश कर रही हैं। उनके प्रयासों में क्रिकेट के क्षेत्र में दुष्यंत की सक्रियता और अन्य राजनीतिक मंचों पर उनकी उपस्थिति शामिल है।

वसुंधरा राजे सिंधिया अपने बेटे दुष्यंत सिंह को केंद्रीय राजनीति में स्थापित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रही हैं। उनके प्रयासों में क्रिकेट के क्षेत्र में दुष्यंत की सक्रियता, लोकसभा चुनाव में जीत और भाजपा से दूरी बनाकर नए राजनीतिक अवसरों की तलाश शामिल है। इन कदमों से यह स्पष्ट होता है कि वसुंधरा राजे अपने बेटे को राजनीति में एक मजबूत स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।