क्यों है मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना का महत्व? जिसकी राजस्थान में हो रही खूब चर्चा, जानिए क्या है डीटेल्स
योजना के प्रावधान को लेकर बताया गया है कि योजना में पूर्व में वसूली के लिए नीलामी के दौरान भूमि विकास बैंकों के नाम खरीद की गई भूमि किसानों को वापस लौटाये जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही मृतक ऋणियों के मामलों में भी उनके वारिसान को योजना से लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है।

देश के सबसे बड़े सूबे राजस्थान में इस समय मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना काफी चर्चा में है। मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना के तहत लोगों को भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणी सदस्यों को राहत देने के लिए योजना लागू की गई है। इसको लेकर राज्यमंत्री ने बताया है कि इस योजना को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि योजना के माध्यम से ऋणी सदस्यों को पुन मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
क्या है मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना
राजस्थान में मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना चर्चा में है। इसके तहत लोगों को भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणी सदस्यों को राहत देने के लिए योजना लागू की गई है। इस बारे में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणी सदस्यों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना 2025-26 लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि योजना के माध्यम से ऋणी सदस्यों को पुन मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गौतम कुमार ने बताया है कि इस योजना के तहत साल 2014-15 से राज्य सरकार की ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत वितरित ऋणों को छोड़कर भूमि विकास बैंकों के स्तर पर 1 जुलाई, 2024 को अवधिपार हो चुके समस्त ऋण मामले राहत के लिए पात्र होंगे। अवधिपार मूलधन और बीमा प्रीमियम की सम्पूर्ण राशि ऋणी द्वारा जमा कराये जाने पर राज्य सरकार द्वारा अवधिपार ब्याज और दण्डनीय ब्याज में 100 प्रतिशत राहत दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि योजना से ऋणी किसानों और लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलने के साथ ही भूमि विकास बैंकों के ऋणों की वसूली और उनकी आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
योजना को लेकर क्या है प्रावधान
इस योजना के प्रावधान को लेकर बताया गया है कि योजना में पूर्व में वसूली के लिए नीलामी के दौरान भूमि विकास बैंकों के नाम खरीद की गई भूमि किसानों को वापस लौटाये जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही मृतक ऋणियों के मामलों में भी उनके वारिसान को योजना से लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है। पारदर्शिता की दृष्टि से योजना का क्रियान्वयन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए पात्र ऋणी सदस्यों को अपना जनाधार नम्बर एवं मोबाइल नम्बर संबंधित भूमि विकास बैंक को उपलब्ध करवाना होगा। योजना का लाभ प्राप्त करने वाले ऋणी सदस्यों को कृषि एवं अकृषि गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में नवीन ऋण दिया जाकर लाभान्वित किया जा सकेगा, जिससे उनका आर्थिक उन्नयन होगा।