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राजनाथ के स्वागत में न पहुंचने से लेकर भजनलाल के नाम की पर्ची तक, वसुंधरा के ‘दर्द की दवा कुछ और है’!

वो दौर कुछ और था... ये दौर कुछ और है.... वो दर्द कुछ और था... ये दर्द कुछ और है... ये लाइनें प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर सटीक बैठती हैं। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, आइए आपको बताते हैं।  

राजनाथ के स्वागत में न पहुंचने से लेकर भजनलाल के नाम की पर्ची तक, वसुंधरा के ‘दर्द की दवा कुछ और है’!

साल 2019... राजस्थान की तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के स्वागत के लिए नहीं पहुंची। जिसके बाद पार्टी में कुछ असंतोष का सामना उनको करना पड़ा। इस घटना के बाद पार्टी में उनके खिलाफ बगावत की चर्चाएं उठीं और कुछ नेताओं ने इसे पार्टी अनुशासन के खिलाफ माना। हालांकि भाजपा हाईकमान ने इस मामले की जांच की और इसे केवल दुष्प्रचार करार दिया।

वसुंधरा राजे ने पार्टी के फैसले को स्वीकार किया और बिना किसी शर्त के विधायक दल की बैठक में शामिल हुईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने पार्टी अनुशासन का पालन किया।

पार्टी में बना रहा असंतोष

हालांकि पार्टी में उनके खिलाफ कुछ असंतोष और चर्चाएं बनी रहीं। लेकिन वसुंधरा राजे ने अपने राजनीतिक करियर में कई बार पार्टी के फैसलों का सम्मान किया और पार्टी अनुशासन का पालन किया।

जब राजनाथ सिंह ने सौंपी भजनलाल के नाम की पर्ची

2023 के विधानसभा चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भजनलाल शर्मा का नाम घोषित किया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को इस पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। इसके बाद 12 दिसंबर 2023 को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से मुलाकात की। इस मुलाकात में राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को एक लिफाफा दिया, जिसमें राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का नाम लिखा था। वसुंधरा राजे ने उस पर्ची को खोला और उसमें भजनलाल शर्मा का नाम पाया। यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली और इसके बाद वसुंधरा राजे ने पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया।

हाईकमान का वो फैसला जिसने उड़ा दी थी वसुंधरा राजे की नींद

इस मुलाकात के दौरान, राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को पार्टी के अनुशासन के बारे में बताते हुए कहा कि उनके पास एक लिफाफा है, जिसमें राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री का नाम लिखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अलग बात है कि पर्ची में शायद उनका नाम नहीं है, लेकिन उनकी इच्छा है कि राजस्थान का जो मुख्यमंत्री हो उसकी घोषणा वसुंधरा राजे स्वयं करें। इस पर वसुंधरा राजे ने बिना किसी शर्त के पार्टी हाई कमान के फैसले को मान लिया और विधायक दल की बैठक में शामिल हुईं।

इस मुलाकात के बाद, वसुंधरा राजे ने पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया और विधायक दल की बैठक में शामिल हुईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वसुंधरा राजे ने राजनाथ सिंह के राजस्थान दौरे पर उनका स्वागत किया और पार्टी के निर्णय को सम्मानित किया।

लंबे समय तक आहत रहीं वसुंधरा

इस घटनाक्रम के बाद उनकी बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव-भाव से यह संकेत मिलता है कि वसुंधरा आहत थीं। उनके चेहरे पर तनाव और चश्मा पहनने की मुद्रा यह दर्शाती है कि वो इस निर्णय से सहज नहीं थीं। हालांकि, सार्वजनिक रूप से वसुंधरा राजे ने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की ।