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उदयपुर विकास प्राधिकरण में 500 करोड़ का बड़ा घोटाला, संबंधित अधिकारियों को नोटिस हुआ जारी

उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) में 500 करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान का मामला सामने आया है। यह गड़बड़ी जमीनों के आवंटन और लीज डीड जारी करने के दौरान हुई थी, जिसमें सरकारी नियमों की अनदेखी की गई। 

उदयपुर विकास प्राधिकरण में 500 करोड़ का बड़ा घोटाला, संबंधित अधिकारियों को नोटिस हुआ जारी

उदयपुर विकास प्राधिकरण में  500 करोड़ रुपए की राजस्व नुकसान होने का एक बड़ा मामले का खुलासा हुआ है। इस मामले पर आयुक्त राहुल जैन ने संबंधित अधिकारियों के लिए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में अधिकारियों से इस नुकसान के बारे 7 दिनों में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। यूडीए आयुक्त राहुल जैन की इस नोटिस के अनुसार इस मामले का खुलासा होने के बाद ऑडिट करवाया गया जिसमें प्रारंभिक जांच में बड़ा राजस्व नुकसान उजागर हुआ है।

संबंधित अधिकारियों को नोटिस

बता दें कि यह कमियां प्राधिकरण, नगर विकास प्रन्यास (यूआईटी) के रूप में कार्य करने के दौरान की हैं। जमीनों के आवंटन पत्र और लीज डीड को जारी करने के दौरान इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इस मामले से संबंधित  यूआईटी के पूर्व सचिव समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में साफ तौर पर 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है अन्यथा इन अधिकारियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी नियमों की अवहेलना

इस मामले पर यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने कहा है कि सामान्य अंकेक्षण विभाग हर साल ऑडिट करता है, जैसे सरकार द्वारा जारी चार्ज में कोई अनियमितता तो नहीं है, या फिर सरकार के नियमों की कोई अवहेलना तो नहीं हुई। इसी तरह ज़मीनों के प्लान को पास करवाने को लेकर भी ऑडिट किया गया था। इस ऑडिट में प्राथमिक रूप से इस बात का खुलासा हुआ है कि सरकारी नियमों की अवहेलना की गई और इस प्लान को पास किया गया। इसमें जमीन आवंटन और लीज़ डीड को जारी किया गया था। इस काम को रसूखदारों के साथ मिलकर किया गया था। इस नोटिस में यह भी कहा कि किस जमीन पर कितनी राशि का राजस्व नुकसान हुआ है।

ऑडिट में नजर आई कमियां

इस पर आयुक्त ने कहा कि नियमों के अनुसार प्लान पास करवाने के लिए 60 और 40 का अनुपात होता है। इसमें 40 प्रतिशत भाग सड़क, पार्क, पार्किंग जैसी अन्य सुविधाओं के लिए छोड़ी जाती है। लेकिन इन पास किए गए प्लान में ऐसा नहीं है, इस ऑडिट में सामने आया कि इस प्लान को पास करवाने के समय कहीं पर यह 80 अनुपात 20, कहीं पर 75 अनुपात 25 था। इसके आगे उन्होंने कहा कि इस अनियमितता के लिए संबंधित अधिकारियों को नोटिस भेज दिया गया है और 7 दिन में जवाब पेश करने को कहा है।