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उदयपुर के जंगल में आग बेकाबू! बायोलॉजिकल पार्क में फंसे वन्यजीव, हर तरफ धुआं और दहशत

उदयपुर के सज्जनगढ़ अभयारण्य में मंगलवार को लगी आग अब तक बेकाबू है और बायोलॉजिकल पार्क के नजदीक पहुंच चुकी है. तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही है, जिससे वन्यजीवों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. 

उदयपुर के जंगल में आग बेकाबू! बायोलॉजिकल पार्क में फंसे वन्यजीव, हर तरफ धुआं और दहशत
उदयपुर में आग का तांडव!

उदयपुर के सज्जनगढ़ अभयारण्य में मंगलवार शाम 6 बजे लगी आग अब तक बेकाबू है. तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन आग रुकने का नाम नहीं ले रही. अब यह भयानक लपटें बायोलॉजिकल पार्क के करीब पहुंच चुकी हैं, जहां शेर, तेंदुए और बाघ सहित 100 से अधिक वन्यजीव मौजूद हैं. अगर जल्द ही आग पर काबू नहीं पाया गया, तो इस पार्क का हश्र भी 2024 की आग जैसा हो सकता है, जब 200 हेक्टेयर जंगल राख में तब्दील हो गया था.

बायोलॉजिकल पार्क खतरे में! आग तेजी से बढ़ रही है और पार्क में मौजूद जीव-जंतुओं पर संकट मंडरा रहा है. ऊंचाई वाले इलाके में होने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच नहीं पा रही हैं. बीटिंग तकनीक से आग बुझाने की कोशिश की जा रही है, जिसमें झाड़ू और हरे टहनियों से आग को काबू करने का प्रयास किया जाता है.

कैसे लगी ये तबाही की आग?
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि गोरेला रोड के पास एक ट्रांसफॉर्मर में शॉर्ट सर्किट हुआ. बताया जा रहा है कि एक बंदर ट्रांसफॉर्मर पर कूदा, जिससे शॉर्ट सर्किट हुआ और वहां की सूखी लकड़ियों ने तुरंत आग पकड़ ली. तेज हवाओं और सूखी झाड़ियों ने इस आग को विकराल रूप दे दिया.

धुआं छू रहा है आसमान, वन विभाग अलर्ट पर
आग लगते ही जंगल में काले धुएं के गुबार उठने लगे. वन विभाग और फायर ब्रिगेड ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन यह मुश्किल होता जा रहा है.

फायर ब्रिगेड कर रही पानी की बौछार 
वन विभाग बीटिंग तकनीक और फायर लाइन बनाकर आग रोकने की कोशिश कर रहा है. तेज हवाओं की वजह से आग काबू में नहीं आ रही. 

2022 में बुलानी पड़ी थी आर्मी, अब क्या?
यह पहली बार नहीं है जब उदयपुर के जंगल में आग ने कहर बरपाया है. 2022 में हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि आर्मी का हेलीकॉप्टर बुलाया गया था. 2024 में भी बायोलॉजिकल पार्क में आग लगी थी, जिसमें 200 हेक्टेयर जंगल खाक हो गया था. अब 2025 में यह आग और भी भयानक होती जा रही है. क्या इस बार भी आर्मी की मदद लेनी पड़ेगी?

क्या होगा इन वन्यजीवों का?
बायोलॉजिकल पार्क में शेर, तेंदुए, बाघ और कई दुर्लभ जीव मौजूद हैं. अगर आग इसी तरह बढ़ती रही तो इनकी जान बचाना बेहद मुश्किल हो जाएगा.