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Baijnath Maharaj Biography: शिक्षक से संत तक का सफर, जानें पद्म श्री सम्मानित संत का पूरा परिचय

Baijnath Maharaj biography: बैजनाथ महाराज को उनकी शिक्षा, योग और धर्म के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. उनका जीवन यह संदेश देता है कि शिक्षा और अध्यात्म के माध्यम से समाज को नई दिशा दी जा सकती है. 

Baijnath Maharaj Biography: शिक्षक से संत तक का सफर, जानें पद्म श्री सम्मानित संत का पूरा परिचय

Baijnath Maharaj Padma Shri 2025: गणतंत्र दिवस 2025 से पहले केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, जिसमें राजस्थान के सीकर जिले के संत बैजनाथ महाराज को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. बैजनाथ महाराज का जीवन एक प्रेरणा है, जो शिक्षा, योग और समाजसेवा के क्षेत्रों में उनके उल्लेखनीय योगदान को दर्शाता है.

6 साल की उम्र में बने शिष्य
जन्म: 1935, गांव पनलावा, सीकर, राजस्थान.
बैजनाथ महाराज का नाथ संप्रदाय से जुड़ाव महज 6 साल की उम्र में हुआ. अवधूत संत श्रद्धानाथ महाराज ने उन्हें अपना शिष्य बनाया और बैजनाथ नाम दिया. गुरु श्रद्धानाथ महाराज ने उन्हें भारत भ्रमण कराया और विभिन्न तीर्थ स्थानों का दर्शन करवाया.

शिक्षा और समाजसेवा
ग्रामीण अंचल में शिक्षा की अलख जगाई. बैजनाथ महाराज ने ग्राम भारती विद्यापीठ कोठ्यारी में प्राचार्य के रूप में कार्य किया. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाई और बच्चों को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया. सेवानिवृत्ति के बाद, गुरु श्रद्धानाथ महाराज ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. इसके बाद, बैजनाथ महाराज ने लक्ष्मणगढ़ के श्रद्धानाथजी आश्रम की पीठाधीश्वर की भूमिका संभाली.

योग और वैदिक शिक्षा में योगदान
बैजनाथ महाराज ने श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की.
इस संस्थान के माध्यम से हजारों बच्चों को योग और वैदिक शिक्षा दी गई. उनका उद्देश्य वैदिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना और बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करना है. उन्होंने श्रद्धा योग और शिक्षण संस्थान की भी स्थापना की, जहां सैकड़ों बच्चे आज भी योग के माध्यम से शिक्षित हो रहे हैं.

गरीबों और असहायों के लिए समर्पण
बैजनाथ महाराज न केवल शिक्षा और धर्म का प्रचार करते हैं, बल्कि समाज के गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए भी हमेशा तत्पर रहते हैं. उनका जीवन समाज सेवा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है.

संत का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
बैजनाथ महाराज को उनकी शिक्षा, योग और धर्म के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
उनका जीवन यह संदेश देता है कि शिक्षा और अध्यात्म के माध्यम से समाज को नई दिशा दी जा सकती है. उन्होंने अपने जीवन को धर्म और संस्कृति की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. ग्रामीण अंचलों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया और बच्चों को योग और वैदिक ज्ञान की ओर प्रेरित किया