Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

शांति धारीवाल का एकल पट्टा मामला: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी और राज्य सरकार की घेराबंदी

राजस्थान के चर्चित एकल पट्टा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।

शांति धारीवाल का एकल पट्टा मामला: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी और राज्य सरकार की घेराबंदी

राजस्थान के चर्चित एकल पट्टा मामले में राज्य सरकार को राजस्थान हाईकोर्ट से एक कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा है। यह मामला 11 साल पुराना है और इसमें पूर्व मंत्री शांति धारीवाल का नाम जुड़ा हुआ है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव ने सरकार के कदमों पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सरकार को इस मामले में अधिक गंभीरता दिखानी चाहिए।

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में एक नई अर्जी दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि पहले की दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट अधूरी और दोषपूर्ण थी, और उसमें शांति धारीवाल और अन्य अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई थी। उच्च न्यायालय ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई और कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद समय की मांग करना उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का छह महीने में निपटारा करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने अतिरिक्त दस्तावेज़ पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर न्यायाधीश ने कहा, "पहले आप सुप्रीम कोर्ट से निपटारे का आदेश लाते हैं, फिर यहां आकर समय मांगते हैं।"

मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले की 19 मार्च 2024 को अंतिम सुनवाई के लिए तारीख तय की है और सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले अपनी दलीलें पूरी करें। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि 19 मार्च की सुनवाई के बाद मामले का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

राज्य सरकार की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका के अनुसार, सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी, जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जज आर.एस. राठौड़ ने की थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सबूतों की अनदेखी करने की बात कही और राज्य सरकार से मामले की नई जांच की मांग की। इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने पहले की क्लोजर रिपोर्ट को दोषपूर्ण मानते हुए उसे खारिज कर दिया और मामले की पुनः जांच की घोषणा की।

पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व आईएएस अधिकारी जी.एस. संधू ने सरकार के इस कदम का विरोध किया और उत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार किया। अदालत ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई तक अपनी दलीलें पूरी करने का आदेश दिया।

शांति धारीवाल के एकल पट्टा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को सख्त चेतावनी दी गई है। इस मामले में राज्य सरकार के कदमों को लेकर अदालत का रवैया नकारात्मक नजर आ रहा है। सरकार की ओर से दी गई क्लोजर रिपोर्ट में खामियां पाई गई हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। अब यह देखना होगा कि इस मामले की आगामी सुनवाई में अदालत किस दिशा में निर्णय देती है और क्या राज्य सरकार इस मामले में उचित कदम उठाने में सक्षम होती है।