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राजस्थान में बढ़ती गर्मी से तपते लोगों को देख खुद हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, लगाई अधिकारियों को फटकार, दिया खास सुझाव

राजस्थान में भीषण गर्मी में लोगों को राहत दिलाने के लिए सरकार की तरफ से पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाने पर हाई कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेते हुए अफसरों को फटकार लगाई है।

राजस्थान में बढ़ती गर्मी से तपते लोगों को देख खुद हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, लगाई अधिकारियों को फटकार, दिया खास सुझाव

राजस्थान में गर्मी के कहर से लोग परेशान हैं, उस पर कई जगहों पर प्रशासन की लापरवाही ने लोगों को और भी परेशान कर दिया है। बीते साल जारी किए गए निर्देश पर अमल नहीं हुआ, जिसपर अब हाईको्र्ट ने टिप्पणी की है। क्या है पूरी बात, जानिए...

राजस्थान में गर्मी से बेहाली, HC ने जताई नाराजगी

राजस्थान में भीषण गर्मी में लोगों को राहत दिलाने के लिए सरकार की तरफ से पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाने पर हाई कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेते हुए अफसरों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने पिछले साल जारी किए गए दिशा निर्देशों पर अमल नहीं होने पर चिंता जताई है। हाई कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ऐसा लगता है कि अधिकारी खुद को कानून से ऊपर मानते हैं, लेकिन कोर्ट इस मामले में आंख बंद कर नहीं बैठ सकता है। इंसानों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार कतई नहीं किया जा सकता है।

HC ने हीट स्ट्रोक और लू को लेकर क्या कहा

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हाई कोर्ट ने राजस्थान सरकार को पिछले साल जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन कराने और भीषण गर्मी से लोगों को राहत दिलाने व बचाव करने के लिए एक कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को भी कहा है। अदालत ने केंद्र और राजस्थान के दस अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब देने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा है कि हीट स्ट्रोक और लू से लोगों की जिंदगी बचाना एक बड़ी चुनौती है, अब कोर्ट ने 24 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने दी दोपहर में आराम का सुझाव

इस सब के साथ ही हाई कोर्ट के सुझाव को भी काफी गंभीरता से लिया जा सकता है। जिसमें दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक आराम की छूट की बात कही गई है। कोर्ट ने सुझाव दिया है कि खुले में काम करने वाले मजदूर रिक्शा चालकों, कुलियों व अन्य लोगों को दोपहर में 12:00 बजे से 3:00 तक आराम करने की छूट देनी चाहिए। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सरकार इस बारे में बजट की कमी का बहाना नहीं कर सकती है। सरकार अगर अपने प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च कर सकती है तो लोगों की जिंदगी बचाने के लिए बजट क्यों नहीं जारी हो सकता। बताते चलें, राजस्थान हाई कोर्ट ने पिछले साल 31 मई को सुओ मोटो लेते हुए लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए तमाम जरूरी दिशा निर्देश जारी किए थे।