Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

राजस्थान में महिला दिवस की धूम: नेताओं के अंदाज अलग, लेकिन संदेश एक—नारी शक्ति सर्वोपरी

Womens Day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राजस्थान के नेताओं ने नारी सशक्तिकरण को सराहा और महिलाओं को शुभकामनाएं दीं. सीएम, डिप्टी सीएम और राज्यपाल ने महिलाओं को समाज की आधारशिला बताया.

राजस्थान में महिला दिवस की धूम: नेताओं के अंदाज अलग, लेकिन संदेश एक—नारी शक्ति सर्वोपरी

आज का दिन खास है, क्योंकि आज नारी शक्ति का महोत्सव मनाया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजस्थान के नेता भी पीछे नहीं रहे और अपने-अपने अंदाज में शुभकामनाएं दीं. कोई शायरी में भावनाएं उड़ेल रहा था, तो कोई सशक्त नारी को राष्ट्र निर्माण की धुरी बता रहा था. आइए, देखें किस नेता ने क्या कहा और कैसे कहा.

जहां महिलाएं आगे, वहीं तरक्की के रास्ते
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने महिला शक्ति को नमन करते हुए कहा कि किसी भी समाज की असली तरक्की वहीं होती है, जहां महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं. उन्होंने महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर देने की वकालत की और कहा कि नारी शक्ति की उन्नति ही राष्ट्र की उन्नति है.

महिलाएं समाज की रीढ़, हर क्षेत्र में छू रही हैं ऊंचाइयां
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस खास दिन पर पीछे नहीं रहे. उन्होंने महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि "यह दिन नारी शक्ति के सम्मान, समर्पण और उपलब्धियों का उत्सव है" उन्होंने यह भी दोहराया कि राजस्थान सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

सशक्त महिला ही सशक्त राष्ट्र की निर्माता
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने अपनी शुभकामनाओं के साथ ‘विकसित राजस्थान’ के सपने को साकार करने में महिलाओं की अहम भूमिका बताई. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि इन योजनाओं से लाखों महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिली है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं.

महिला शक्ति
उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने भी महिला दिवस पर जोरदार संदेश दिया और कहा कि महिलाओं की खुशहाली ही सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि राजस्थान की डबल इंजन वाली सरकार महिलाओं के लिए हरसंभव काम कर रही है.

तो आखिर यह महिला दिवस शुरू कैसे हुआ?
अब जब इतना जश्न मनाया जा रहा है, तो जरा इतिहास भी जान लीजिए. 1908 में न्यूयॉर्क में 15,000 महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन किया और यहीं से इस दिन की शुरुआत हुई. फिर 1910 में कोपनहेगन में इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने का सुझाव आया, और 1975 में इसे आधिकारिक तौर पर 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' घोषित किया गया.

नारी तू नारायणी
राजस्थान के नेताओं ने महिला दिवस पर जमकर शुभकामनाएं दीं, लेकिन असल सवाल यही है—क्या सिर्फ शुभकामनाओं से महिलाओं की स्थिति बदलेगी? जब तक समाज महिलाओं को समान अवसर, सुरक्षा और सम्मान नहीं देगा, तब तक यह सिर्फ "बयानबाजी" ही रह जाएगी. इसलिए, इस महिला दिवस पर सिर्फ बातें नहीं, बल्कि बदलाव की पहल करें.