Rajasthan Weather Update: मौसम को लेकर आया खास अपडेट, जानिए ला-नीना के साथ अलनीना कैसे डालेगा मौसम पर प्रभाव
राजस्थान में ग्लोबल वार्मिंग का मौसम पर असर नजर आने लगा है। राजस्थान में जून तक लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मार्च में तापमान में बढ़ोतरी का दौर जारी है। अप्रैल से जून तक तेज गर्मी की संभावना है।

राजस्थान में मौसम की मार एक बार फिर से देखने को मिल रही है। आंधी, बारिश और ओले से कई जिलें प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने इसको लेकर अलर्ट भी जारी किया है। लेकिन अब बात ग्लोबल वॉर्मिग की भी है। दरअसल, ग्लोबल वॉर्मिंग का असर प्रदेश में दिखने लगा है। पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से भी मौसम में बदलाव है।
राजस्थान में मौसम में है ग्लोबल वॉर्मिंग का प्रभाव
राजस्थान में ग्लोबल वार्मिंग का मौसम पर असर नजर आने लगा है। राजस्थान में जून तक लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मार्च में तापमान में बढ़ोतरी का दौर जारी है। अप्रैल से जून तक तेज गर्मी की संभावना है। ला-नीना की वजह से प्रदेश में अगले तीन महीने तक मौसम का मिजाज बदलेगा। पश्चिमी विक्षोभ में होने वाली उथल-पुथल से प्रदेश में कहीं बारिश तो कहीं ओले गिरने की संभावना है। साल 2025 की शुरुआत से ग्लोबल वार्मिंग का मौसम पर असर दिख रहा है। इस बार हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी भी देरी से हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रशांत महासागर में ला-नीना की गति सामान्य होने से मौसम प्रभावित होगा।
पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से आया असर
राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उथल-पुथल हुई है। अप्रैल से जून के बीच बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि होने की संभावना है। इस दौरान तापमान में भी उतार-चढ़ाव बना रहेगा। बीते साल मानसून के दौरान अजमेर जिले में 625 और शहर में 858.3 मिलीमीटर बरसात हुई थी। साल 2019 के बाद शहर और जिले में 550 मिलीमीटर बरसात का औसत आंकड़ा पूरा हुआ था। सिंचाई विभाग जयपुर रोड और मौसम विभाग रामगंज में है। दोनों विभाग शहर की बरसात का रिकॉर्ड करते हैं। दोनों के वर्षा मापी यंत्र अलग-अगल क्षेत्रों में हैं। ऐसे में दोनों के आंकड़ों में फर्क होता है। ऐसे में कुछ विसंगति भी बनी रहती है।
ला-नीना के साथ अलनीना का नहीं पड़ेगा फर्क
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के एपेक जलवायु केंद्र ने इस साल देश में सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून का अनुमान लगाया है। ला-नीना के साथ अलनीना इस बार के मानसून पर कोई खास प्रभाव नहीं डालेगा। मानसून मुख्यत: जून से सितंबर तक सक्रिय रहेगा। पूर्वानुमान में मानसून के सामान्य रहने का आकलन है। हालांकि, देश में मौसम विज्ञान विभाग अप्रेल अंत अथवा मई के मध्य मानसून का पूर्वानुमान जारी करेगा।