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राजस्थान के बाघों के लिए दिल्ली से आया ‘स्पेशल खाना’, चीतलों की खेप से चहका वन विभाग!

Rajasthan Tiger Reserve: राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में हाल ही में एक विशेष पहल के तहत दिल्ली से 28 चीतलों को लाया गया है. इन चीतलों को देर रात रिजर्व में पहुंचाया गया, जहां उन्हें आवश्यकतानुसार जंगल में छोड़ा जाएगा. 

राजस्थान के बाघों के लिए दिल्ली से आया ‘स्पेशल खाना’, चीतलों की खेप से चहका वन विभाग!

राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में हाल ही में एक विशेष पहल के तहत दिल्ली से 28 चीतलों को लाया गया है. इन चीतलों को देर रात रिजर्व में पहुंचाया गया, जहां उन्हें आवश्यकतानुसार जंगल में छोड़ा जाएगा. 

बाघों के लिए नहीं मिल रहे शिकार
बाघों के लिए पर्याप्त शिकार उपलब्ध कराना वन्यजीव संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. चीतल, जो बाघों का प्रमुख आहार है, की संख्या में वृद्धि से बाघों के प्राकृतिक शिकार की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे वे मानव बस्तियों की ओर आकर्षित नहीं होंगे. इससे मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है.

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, चीतलों की यह खेप दिल्ली के चिड़ियाघर से विशेष अनुमति के तहत लाई गई है. इस प्रक्रिया में चीतलों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया, ताकि वे नए वातावरण में आसानी से समायोजित हो सकें. वन विभाग की इस पहल से न केवल बाघों के लिए पर्याप्त आहार सुनिश्चित होगा, बल्कि चीतल की संख्या में वृद्धि से पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन भी स्थापित होगा.

टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है, और ऐसे में उनके लिए पर्याप्त शिकार उपलब्ध कराना आवश्यक है. वन विभाग की यह पहल बाघों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीतलों की यह खेप हमारे बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है. हम उम्मीद करते हैं कि इससे बाघों के शिकार की प्राकृतिक प्रवृत्ति को प्रोत्साहन मिलेगा और वे स्वस्थ रहेंगे."

इस पहल से स्थानीय समुदायों में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. बाघों के मानव बस्तियों में आने की घटनाओं में कमी आने से ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है. साथ ही, वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.

बाघों और वन्य जीवों के बीच बनेगा संतुलन
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल से बाघों और अन्य वन्यजीवों के बीच संतुलन स्थापित होगा, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता बनी रहेगी. आशा है कि भविष्य में भी इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे, जिससे वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी