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छूट गए पेपर, साल होगा बर्बाद? स्टूडेंट ने आला अधिकारी के ऑफिस के बाहर मुर्गा बन किया प्रदर्शन, जानिए क्या है वायरल मामल!

छात्र के द्वारा हाफ ईयरली परीक्षा देने के बावजूद बोर्ड वार्षिक परीक्षा से वंचित करने का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्र ने सोमवार को बूंदी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर मुर्गा बनकर प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की। जबकि उसके तीन पेपर अब तक छूट चुके हैं।

छूट गए पेपर, साल होगा बर्बाद? स्टूडेंट ने आला अधिकारी के ऑफिस के बाहर मुर्गा बन किया प्रदर्शन, जानिए क्या है वायरल मामल!

राजस्थान में 10वीं और 12वीं की परीक्षा देकर लौटे छात्रों के चेहरों पर खुशी देखकर अभिभावकों के चेहर खिल गए। लेकिन राजस्थान में बोर्ड परीक्षा से लेकर तमाम परीक्षाओं तक गड़बड़ी के तमाम मामले सामने आते हैं। जिसको लेकर विभाग के साथ ही कोर्ट भी फटकार लगाता है। लेकिन 10वीं और 12वीं की परीक्षा के दौरान की एक घटना चर्चा में है। जहां पर बूंदी के छात्र ने मुर्गा बनकर प्रदर्शन किया। क्या है पूरी बात? जानिए इस रिपोर्ट में...

12वीं के छात्र ने परीक्षा के लिए किया प्रदर्शन

राजस्थान के बूंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र विशाल सैनी को सीनियर सेकेंडरी कला वर्ग में हाफ ईयरली परीक्षा देने के बावजूद बोर्ड वार्षिक परीक्षा से वंचित करने का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्र विशाल सैनी ने सोमवार को बूंदी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर मुर्गा बनकर प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की. जबकि उसके तीन पेपर अब तक छूट चुके हैं। दरअसल, बोर्ड परीक्षा 7 मार्च से शुरू हुई थी। 12वीं के छात्र विशाल सैनी के सोमवार तक तीन पेपर छूट चुके हैं। जिससे छात्र का पूरा एक साल बर्बाद हो सकता है।  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्र का कहना है कि पहले स्कूल प्रशासन के द्वारा उसे किसी दूसरे विशाल नाम का प्रवेश पत्र दे दिया गया था। लेकिन बाद में घर जाकर जब उसने देखा कि उसमें माता-पिता का नाम अलग है, तो अगले दिन वापस प्रवेश पत्र विद्यालय में दे दिया। विद्यालय वालों ने कुछ देर प्रवेश पत्र ढूंढा फिर कंप्यूटर पर रिकार्ड देखा और कहा कि तुम्हारा अनुपस्थिति के कारण प्रवेश पत्र नहीं आया है और आगे तुम्हें ओपन से परीक्षा दिलवा देंगे.। जिसमें तुम्हारा कोई पैसा खर्च भी नहीं होगा सारी फीस हम जमा करवा देंगे। वहीं छात्रा के पिता देवराज सैनी ने बताया कि सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही है।

प्रशासन को किसी भी बच्चे को परीक्षा देने से पहले उसके सारे दस्तावेजों को जांच लेना चाहिए और उसे क्रॉस चेक करना चाहिए। अर्धवार्षिक पेपर देने के बावजूद भी मेरे बेटे को परीक्षा देने नहीं दिया गया। उल्टा उसे पर लोबान देकर ओपन से परीक्षा देने का लालच दिया गया, जब ओपन से ही परीक्षा दिलवानी थी तो 1 साल विद्यालय में पढ़ाई क्यों करवाई। 

अधिकारी ने मामले पर क्या कहा

छात्र को परीक्षा देने से वंचित रखने का मामला जिसने भी सुना, वो लापरवाही को कोस रहा है। राजस्थान एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले को लेकर राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा लगातार छात्रों की भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है। ये असहनीय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को हमारे संविधान में मौलिक अधिकार घोषित किया गया है और बोर्ड को छात्रों को इस तरह किसी भी कीमत पर परीक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा विभाग की गलती से छात्र की तीन पेपर छूट गए हैं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को छात्र के लिये छूटे हुये प्रश्नपत्रों की विशेष परीक्षा आयोजित करवानी चाहिए।