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राजस्थान SI परीक्षा पेपर लीक मामला: आरपीएससी अध्यक्ष को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार- "क्या आरपीएससी का कोई धणी धोरी नहीं है?

राजस्थान SI भर्ती परीक्षा मे पेपर लीक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। आज चौथे दिन की सुनवाई की गई है।

राजस्थान SI परीक्षा पेपर लीक मामला: आरपीएससी अध्यक्ष को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार- "क्या आरपीएससी का कोई धणी धोरी नहीं है?

राजस्थान में 2021 में आयोजित पुलिस उपनिरीक्षक (SI) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और धांधली के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। गुरुवार को चौथे दिन की सुनवाई में सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं।

सरकार की दलीलें:

निर्णय प्रक्रिया में रुकावट: विज्ञान शाह ने कहा कि सरकार SI भर्ती परीक्षा को लेकर निर्णय लेने की प्रक्रिया में थी, लेकिन मामला कोर्ट में पहुंचने के कारण प्रक्रिया रुक गई। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं की वजह से मामला न्यायालय के अधीन हो गया, जिससे सरकार किसी भी तरह का एक्शन नहीं ले सकी।

SIT का गठन:

उन्होंने बताया कि नवंबर में नई सरकार बनने के बाद 16 दिसंबर को SIT का गठन किया गया। SIT के प्रमुख के रूप में वीके सिंह को चुना गया, जो तकनीकी मामलों की अच्छी समझ रखते हैं और बेहतरीन अधिकारियों में से एक हैं।

याचिकाकर्ताओं की मंशा पर सवाल:

विज्ञान शाह ने अदालत में दलील दी कि याचिकाकर्ता गलत मंशा के साथ कोर्ट में आए हैं और उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाई हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि इस याचिका को कौन स्पॉन्सर कर रहा है।

अदालत की टिप्पणियां:

हाईकोर्ट ने आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) के अध्यक्ष कैलाश चंद्र मीणा को फटकार लगाते हुए पूछा, "क्या आरपीएससी का कोई धणी धोरी नहीं है?" उन्होंने आरोप लगाया कि आरपीएससी ने परीक्षा में पेपर लीक मामले के बाद कार्रवाई नहीं की।

गुरुवार को चली लंबी बहस के बाद हाईकोर्ट ने अब इस मामले में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रखने का फैसला किया है। SI भर्ती परीक्षा 2021 रद्द होगी या नहीं, इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं आया है, लेकिन कोर्ट में लगातार इस पर बहस जारी है।

SI भर्ती पेपर लीक मामला:

2021 में आयोजित राजस्थान SI भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। जांच में सामने आया कि फर्जी अभ्यर्थियों को डमी कैंडिडेट के रूप में बिठाया गया और नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले में SOG ने अब तक 50 ट्रेनी SI को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 25 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

इस मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई और सरकार की दलीलें महत्वपूर्ण हैं, जो भर्ती परीक्षा की वैधता और भविष्य के निर्णयों पर असर डाल सकती हैं।