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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नहीं, अब एक ही नगर निगम

राजस्थान सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा के दो-दो नगर निगमों को एक करने का बड़ा फैसला लिया है। इस प्रक्रिया की शुरुआत 16 फरवरी से 20 मार्च 2025 तक वार्ड परिसीमन के प्रस्तावों के साथ होगी।

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नहीं, अब एक ही नगर निगम

राजस्थान में एक नया बड़ा बदलाव होने वाला है जिसका असर प्रदेश में पड़ने वाला है। दरअसल प्रदेश सरकार नगर निगमों को मर्ज करने की तैयारी कर रहा है। राजधानी जयपुर के दोनों नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर को एक करने की प्रक्रिया कल रविवार को शुरू होने वाली है। इसके अलावा जोधपुर और कोटा के निगमों को भी एक करने की तैयारी हो रही है।

तीन महीनों में होगी प्रक्रिया 

यह प्रक्रिया आने वाले 3 महीनों तक चलने वाली है और इसके अंतर्गत इस 16 फरवरी से 20 मार्च तक वार्डों में परिसीमन के प्रस्ताव तैयार किए जाने वाले हैं। इसके लिए 15 मई तक सभी आपत्तियों का समाधान करते हुए प्रस्तावों को पारित किया जाने वाला है। इसके साथ ही वार्डों की संख्या भी कम हो जाएगी और सरकार द्वारा किए गए इस फैसले का कांग्रेस जमकर विरोध कर रही है।

तीनो शहरों के नगर निगमों का होगा विलय

हाल ही में झुंझुनूं दौरे पर गए यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने कहा  कि इसके पहले सरकार ने जयपुर, कोटा, जोधपुर में दो-दो नगर निगम बनाने का काम किया हुआ है, जो कि एक राजनैतिक फैसला था और इसका जनता से कोई सरोकार नहीं था। जब तीन-साढ़े तीन करोड़ की आबादी वाले मुंबई जैसे शहर में महानगरपालिका बड़े अच्छे ढंग से चल सकती है, तो फिर जयपुर, जोधपुर और कोटा में मुंबई के मुकाबले 10 प्रतिशत जनसंख्या भी नहीं है। इसलिए सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है, और अब जल्द ही तीनों शहरों में 2 की जगह एक ही नगर निगम बनाया जाएगा।

इसके अलावा जयपुर सहित तीन शहरों में दो-दो नगर निगमों के एक करने के फैसले पर कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। इस मामले पर जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने कलेक्ट्रेट सर्किल पर धरना-प्रदर्शन करके सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। तो वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कहा कि सरकार केवल हमारे द्वारा किए गए फैसलों को ख़त्म करने में लगी हुई है।