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10 साल बाद आया फैसला, आजीवन कारावास के साथ लगाया बड़ा जुर्माना!

राजस्थान के राजसमंद में कोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाया है, जहां हत्या के एक मामले में पूरे परिवार को उम्रकैद की सजा दे दी गई है। 10 साल पुराने इस केस में अदालत ने पांच लोगों को दोषी मानते हुए न केवल आजीवन कारावास सुनाया, बल्कि 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस फैसले के बाद से यह मामला चर्चा में बना हुआ है।

10 साल बाद आया फैसला, आजीवन कारावास के साथ लगाया बड़ा जुर्माना!

राजस्थान कोर्ट ने एक हत्या के मामले में आरोपियों को सजा में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले की बड़ी बात है कि कोर्ट ने पूरे परिवार को ही उम्रकैद की सजा दे दी है, जिसके बाद से ही यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पर यह भी कहा जा रहा है कि राजसमंद अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने 10 साल पहले हुए एक हत्या के मामले में पूरे परिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने परिवार के लोगों पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है।

राजसमंद अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुनील कुमार ओझा ने हत्या के मामले में बुधवार को एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए एक ही परिवार के पांच लोगों को आजीवन कारावास और 40 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।

10 साल पहले विवाद के बाद हत्या

इस मामले के बारे में लोक अभियोजक गोपाल कृष्ण जाट ने कहा कि बीते 13 जुलाई 2015 को भीम थाना क्षेत्र में एक मामला दर्ज किया गया था। दरअसल पीड़ित को अपने खेत जाने के दौरान रास्ते में रोककर एक ही परिवार के पांच लोगों ने खेत में भैंस जाने की बात को लेकर विवाद किया था। इस विवाद के बाद पूरे परिवार के लोग लाठियां और धारदार हथियार लेकर लड़ने आ गए और पीड़ित को बुरी तरह से पीटा था, जिसमें पीड़ित बुरी तरह से घायल हो गया था। इसके बाद पीड़ित को घायल अवस्था में भीम चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया और बाद में ब्यावर रैफर कर दिया गया, जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

कोर्ट में पेश हुए 20 गवाह 

बता दें कि इस मामले में चालान पेश होने पर पीपी कृष्ण गोपाल जाट ने पैरवी करते हुए कोर्ट के सामने 20 गवाह और 31 दस्तावेज पेश किए थे। इसके बाद 5 मार्च को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुनील कुमार ओझा ने परिवार के पांच सदस्यों शिवराज सिंह, दिलीपसिंह, प्रदीप सिंह, तारा और सीता देवी को उम्रकैद और 40 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदम अदायगी के रूप में तीन महीने की सजा के भी आदेश दिए हैं।