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साहस ने बचा ली एक मासूम की जिंदगी, जिसने सुनी कहानी किया बस कंडक्टर को सलाम, जानिए दिल छू जाने वाला मामला

ये मामला है राजस्थान के सीकर का, जहां पर एक कंडक्टर का बहादुरी और सूझबूझ से एक लड़की को बचाना सुर्खियों में है। यहां राजस्थान रोडवेज के कंडक्टर नेमीचंद मुवाल ने बहादुरी दिखाते हुए एक 22 साल छात्रा को अपहरणकर्ताओं से बचाया है। यह घटना शुक्रवार को सीकर के नवलगढ़ पुलिया पर हुई।

साहस ने बचा ली एक मासूम की जिंदगी, जिसने सुनी कहानी किया बस कंडक्टर को सलाम, जानिए दिल छू जाने वाला मामला

महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध रोज अखबारों की सुर्खियां बटोरते है। बदलते समय के साथ ही अपराध के मामले इस कदर बढ़ रहे हैं कि ये रोज की बात मालूम देने लगी है। मॉडर्न युग में टैक्नोलॉजी के दौर में भी लड़कियां चाहकर भी पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती हैं।

इस सब के बीच राजस्थान के एक बस कडंक्टर का साहस लोगों के चेहरों पर मुस्कान ले आया है। आज हम आपको राजस्थान के एक मामले के बारे में बता रहे हैं, जहां पर लड़की को बेहोश करके लोग ले जा रहे हैं। लेकिन फिर बस कडंक्टर लड़की के लिए किसी मसीहा से कम नहीं निकला और उसने लड़की को बचाया। मामला भले ही दो से तीन दिन पुराना है, लेकिन मदद के लिए आगे आने वाली ये कहानी लोगों के लिए हमेशा नई रहेगी। भारत रफ्तार समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने वाले इन व्यक्ति जैसे व्यक्ति के कहानियां आप तक लाता रहेगा...

क्या है मामला

दरअसल, ये मामला है राजस्थान के सीकर का, जहां पर एक कंडक्टर का बहादुरी और सूझबूझ से एक लड़की को बचाना सुर्खियों में है। यहां राजस्थान रोडवेज के कंडक्टर नेमीचंद मुवाल ने बहादुरी दिखाते हुए एक 22 साल छात्रा को अपहरणकर्ताओं से बचाया है। यह घटना शुक्रवार को सीकर के नवलगढ़ पुलिया पर हुई। बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह 10 बजे सीकर के नवलगढ़ पुलिया पर एक 22 साल की लड़की अपने गांव पिपराली जाने के लिए खड़ी थी। तभी एक स्कॉर्पियो में सवार तीन बदमाश वहां पहुंचे। उन्होंने लड़की से रास्ता पूछने के बहाने उसे गाड़ी में खींच लिया। बदमाशों ने उसे कुछ सुंघाकर बेहोश कर दिया था, जिसके बाद वो युवती को लेकर दिल्ली की तरफ चल रहे थे।

लड़की को आया होश, तो मांगी मदद

लेकिन दौरान दिल्ली-जयपुर हाइवे पर मानेसर स्टैंड पर शाम 4:20 बजे बदमाश चाय पीने के लिए रुके। उसी समय लड़की को होश आ गया। इसके दौरान लड़की ने सीकर डिपो की एक रोडवेज बस देखी और वह मदद के लिए चिल्लाने लगी। इस पूरे मामले को तुरंत समझ बस के कंडक्टर नेमीचंद मुवाल ने तुरंत बस रुकवाई।

फिर साहस दिखाते हुए लड़की को बदमाशों की गाड़ी से बाहर निकाला और बस में बैठा लिया। लड़की के चिल्लाने और लोगों को इकट्ठा होते देख तीनों बदमाश वहां से भाग गए। इसके बाद वो लड़की को परिजनों के पास लेकर आया। लड़की बहुत डरी हुई थी। नेमीचंद ने तुरंत उसके परिवार वालों को फोन किया। ये मामला जानने के बाद सभी बस कंडक्टर की तारीफ भी कर रहे हैं।