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Rajasthan: पाकिस्तान से भागकर आई महिला हमायरा को भेजा जाएगा वापस, JIC पूछताछ के बाद फैसला

Pakistani Woman Crosses Border: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर आई पाकिस्तानी महिला हमायरा को वापस पाकिस्तान भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। घरेलू हिंसा से परेशान होकर हमायरा भारत आई थी और बीएसएफ के जवानों ने उसे बॉर्डर पर पकड़ा। उसने वापस पाकिस्तान जाने से इनकार किया था, लेकिन JIC पूछताछ में कोई सुरक्षा खतरा न मिलने के बावजूद अब उसे कूटनीतिक प्रक्रिया के तहत लौटाया जा रहा है।

Rajasthan: पाकिस्तान से भागकर आई महिला हमायरा को भेजा जाएगा वापस, JIC पूछताछ के बाद फैसला

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ सीमा पर बीते दिनों एक भावुक और हैरान कर देने वाला वाकया सामने आया। 17 मार्च की सुबह 5 बजे एक महिला पाकिस्तान की सीमा पार कर भारत में दाखिल हुई। महिला की पहचान हमायरा के रूप में हुई है, जो घरेलू हिंसा से तंग आकर अपने मुल्क को छोड़ आई थी। बीएसएफ ने उसे विजेता पोस्ट पर पकड़ लिया था, जिसके बाद संयुक्त जांच एजेंसियों (JIC) ने उससे लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की। पूछताछ में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि सामने नहीं आई, लेकिन अब उसे पाकिस्तान वापस भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

घरेलू हिंसा से टूट चुकी थी हमायरा
सूत्रों के मुताबिक हमायरा बलूचिस्तान के रहने वाले वसीम की पत्नी है। उसके दो मासूम बेटियां हैं, जिनकी उम्र 3 और 4 साल है। हमायरा ने बताया कि ससुराल में उसके साथ मारपीट और मानसिक उत्पीड़न होता था। वह कई बार अरब देशों में शरण लेने की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन उसके पति ने दस्तावेज देने से इनकार कर दिया। थक-हार कर हमायरा अपने मायके कराची आ गई। वहीं रहते हुए उसने इंटरनेट के जरिए भारत आने का रास्ता खोजा और बहावलपुर होते हुए पैदल सीमा तक पहुंच गई।

बीएसएफ की मानवता और महिला की जिद
सीमा पर बीएसएफ के जवानों ने जब उसे रोका, तो हमायरा ने मिन्नत की कि उसे वापस न भेजा जाए। वह पूरी रात मजार के पास सर्दी में ठिठुरती रही। बीएसएफ ने उसे कंबल देकर इंसानियत की मिसाल पेश की। मगर पूछताछ के बाद जब प्रक्रिया शुरू हुई तो हमायरा ने साफ कह दिया, "मैं अब पाकिस्तान नहीं जाना चाहती।" मगर अब कूटनीतिक प्रक्रिया के तहत उसे उसके देश वापस भेजा जाएगा।

नरमी के बीच कानूनी मजबूरी
भारतीय एजेंसियों को महिला के प्रति सहानुभूति है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा और सुरक्षा नियमों के चलते भारत में उसे शरण देना संभव नहीं दिख रहा। भारत सरकार की नीति साफ है कि बिना वैध दस्तावेज किसी विदेशी को देश में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।