Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

Journalism University Fraud: राजस्थान में पीएचडी फर्जीवाड़ा, प्रोफेसर पर कार्रवाई,नौकरी पाने के लिए की थी धोखाधड़ी

Haridev Joshi University: घोटाले के इस मामले ने पूरे शइक्षा जगत में हड़कंप मचा दिया है. यह कार्रवाई सरकार के आदेश पर की गई, और उनका मुख्यालय अब कुलसचिव कार्यालय में रहेगा. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार भंवरलाल मेहरड़ा ने निलंबन का आदेश जारी किया.

Journalism University Fraud: राजस्थान में पीएचडी फर्जीवाड़ा, प्रोफेसर पर कार्रवाई,नौकरी पाने के लिए की थी धोखाधड़ी

Dr. Manoj Lodha Suspended: राजस्थान के हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय ने एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार लोढ़ा को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई सरकार के आदेश पर की गई, और उनका मुख्यालय अब कुलसचिव कार्यालय में रहेगा. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार भंवरलाल मेहरड़ा ने निलंबन का आदेश जारी किया.

गलत जानकारी देकर हासिल की थी नौकरी
डॉ. लोढ़ा पर नौकरी हासिल करने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप है. मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के बाद उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. हरिशंकर मेवाड़ ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र की पीएचडी का झूठा दावा
डॉ. मनोज कुमार लोढ़ा ने वर्ष 2003 में दावा किया था कि उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक छात्र को पीएचडी कराने में मार्गदर्शन दिया. हालांकि, जांच में सामने आया कि उन्होंने खुद 2006 में पीएचडी पूरी की थी. इस शिकायत की जांच तत्कालीन कुलपति ओम थानवी के कार्यकाल में की गई, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया.

इसके बाद अन्य विश्वविद्यालयों के तीन प्रोफेसरों की कमेटी और प्रबंध बोर्ड की दो सदस्यीय समिति ने भी डॉ. लोढ़ा की नियुक्ति को गलत ठहराया.

एफआईआर दर्ज कराने पर अनिश्चितता
उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय प्रशासन को डॉ. लोढ़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. हालांकि, विश्वविद्यालय ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई है.

रजिस्ट्रार भंवरलाल मेहरड़ा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा है. प्रबंध बोर्ड की पिछली बैठक में इस मामले की नई जांच कराने का निर्णय लिया गया था. इसलिए, अब यह स्पष्ट किया जा रहा है कि इस स्थिति में एफआईआर करवाई जा सकती है या नहीं.

क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अगर विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा विभाग से स्पष्ट निर्देश मिलते हैं, तो एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है. फिलहाल, डॉ. लोढ़ा का निलंबन बरकरार रहेगा, और जांच जारी रहेगी.