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JEE Mains Topper Trivendram Singh: पिता का सपना पूरा करने की जिद, मेहनत से रच दी सफलता की नई कहानी

Jee Mains Topper Success Story: JEE Main 2025 में 99.945 पर्सेंटाइल स्कोर करने वाले त्रिवेन्द्रम सिंह ने पिता का सपना पूरा करने की ठानी। जानिए उनकी मेहनत और सफलता की कहानी।

JEE Mains Topper Trivendram Singh: पिता का सपना पूरा करने की जिद, मेहनत से रच दी सफलता की नई कहानी
JEE Main 2025 में 99.945 पर्सेंटाइल स्कोर करने वाले त्रिवेन्द्रम सिंह

“जब सपने सिर्फ अपने न हों, बल्कि पापा की आंखों से भी देखे गए हों, तो उन्हें पूरा करना जिम्मेदारी बन जाती है।” कुछ इसी सोच के साथ मध्यप्रदेश के होनहार छात्र त्रिवेन्द्रम सिंह ने जेईई मेन (JEE Main) में शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.945 पर्सेंटाइल हासिल कर अपने पिता के सपनों को एक नई ऊंचाई दी है।

त्रिवेन्द्रम की यह कामयाबी न सिर्फ एक परीक्षा में मिली सफलता है, बल्कि यह उन तमाम संघर्षों और त्यागों का परिणाम है, जो उन्होंने और उनके परिवार ने इस लक्ष्य को पाने में किए। उनका सपना है कि वे आईआईटी से इंजीनियरिंग कर एक ऐसा भविष्य बनाएं, जिस पर परिवार और समाज को गर्व हो।

गांव से निकलकर टॉपर बनने तक का सफर
त्रिवेन्द्रम का परिवार मूलतः एक साधारण पृष्ठभूमि से है। उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा इंजीनियर बने और वही सपना आज त्रिवेन्द्रम की प्रेरणा बना। उन्होंने बताया कि जब वह 9वीं कक्षा में थे, तभी से उन्होंने जेईई की तैयारी शुरू कर दी थी। कोचिंग के साथ-साथ उन्होंने खुद पर भरोसा करना सीखा और हर छोटी से छोटी गलती से सीखते रहे।

“हर दिन लक्ष्य के एक क़दम और करीब जाना ही मेरी दिनचर्या थी,” त्रिवेन्द्रम कहते हैं।

बिना सोशल मीडिया के की तैयारी
जब अन्य छात्र सोशल मीडिया पर समय बर्बाद कर रहे होते थे, त्रिवेन्द्रम ने उससे दूरी बना ली। उनका कहना है कि उन्होंने पूरी तरह से एक अनुशासित रूटीन फॉलो किया – सुबह जल्दी उठना, नियमित अध्ययन और हर सप्ताह मॉक टेस्ट देना उनकी आदत में शुमार था।

परिवार बना सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम
इस सफर में उनका परिवार हमेशा साथ रहा। माता-पिता ने हमेशा भावनात्मक सहारा दिया और कठिन समय में उनका मनोबल गिरने नहीं दिया। पिता के शब्द थे – “हमें बेटा नहीं, एक मिशन चाहिए था... और त्रिवेन्द्रम ने उसे पूरा कर दिखाया।”

अगला लक्ष्य आईआईटी में प्रवेश
जेईई मेन में सफलता के बाद अब त्रिवेन्द्रम की नजर जेईई एडवांस की परीक्षा पर है। उनका लक्ष्य है कि वह आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करें। इसके लिए वह जी-जान से जुट गए हैं।