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पहलगाम हमले के विरोध में जयपुर सुलगा, परकोटे में पुलिस तैनात, विधायक पर केस दर्ज

Jaipur Jama Masjid protest: पहलगाम हमले के विरोध में जयपुर के परकोटे में तनाव, भारी पुलिस तैनाती और विधायक बालमुकुंदाचार्य के खिलाफ केस दर्ज। जानिए पूरी घटना का सच।

पहलगाम हमले के विरोध में जयपुर सुलगा, परकोटे में पुलिस तैनात, विधायक पर केस दर्ज
पहलगाम हमले के विरोध में जयपुर सुलगा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया है। जयपुर भी इस ग़म और गुस्से से अछूता नहीं रहा। शुक्रवार देर रात राजधानी के परकोटे क्षेत्र में माहौल अचानक गरमा गया, जब हमले के विरोध में प्रदर्शन करते हुए नारों और पोस्टरों के चलते तनाव फैल गया। स्थिति को काबू में लाने के लिए भारी पुलिस फोर्स को तैनात करना पड़ा।

बड़ी चौपड़ से निकली विरोध की चिंगारी
शाम के समय बड़ी चौपड़ पर सर्वसमाज की ओर से विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। साधु-संतों समेत बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हुए। नारे गूंजते रहे "पाकिस्तान मुर्दाबाद", "आतंकवाद मुर्दाबाद" पूरा परकोटा इलाका गूंज उठा। प्रदर्शन के बाद हवामहल से विधायक बालमुकुंदाचार्य अपने समर्थकों के साथ बाजार की ओर बढ़े, तभी हालात बिगड़ने लगे।

जामा मस्जिद के बाहर विवाद, फूटा गुस्सा
जामा मस्जिद कमेटी का आरोप है कि मस्जिद की सीढ़ियों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पोस्टर चस्पा किए गए और विवादास्पद नारेबाजी की गई। इससे समुदाय विशेष के लोग भी वहां जुटने लगे और तनाव फैल गया। स्थिति को बिगड़ने से पहले ही पुलिस के आला अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और माहौल को शांत किया।

विधायक बालमुकुंदाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज
रात को ही जामा मस्जिद कमेटी के सदर शब्बीर कुरैशी ने माणक चौक थाने में विधायक बालमुकुंदाचार्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में धार्मिक भावनाएं आहत करने और नारेबाजी का आरोप लगाया गया है। मामला दर्ज होने के बाद जौहरी बाजार क्षेत्र में विरोध शांत हो गया, लेकिन एहतियातन पुलिस बल तैनात रहा।

पुलिस प्रशासन ने संभाली कमान
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ, एडिशनल कमिश्नर डॉ. रामेश्वर सिंह, और डीसीपी राशि डोगरा खुद मौके पर मौजूद रहे और हालात पर नज़र बनाए रखी। परकोटे के बाजारों और चौक-चौराहों पर पुलिस की भारी तैनाती से शहर में अस्थायी शांति बनी हुई है।

संवेदनशील माहौल में संयम की जरूरत
पहलगाम हमले की पीड़ा और गुस्सा वाजिब है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में संयम से काम लेना बेहद जरूरी है। जयपुर में हालात फिलहाल काबू में हैं, मगर इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि आक्रोश के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण होता है।