JLF 2025: सुधा मूर्ति जब बोलीं बेटी है मेरी गुरु, ताली बजाते दिखे ब्रिटेन पूर्व PM ऋषि सुनक, कोटा सुसाइड भी हुई बात!
Jaipur Literature Festival 2025: सुधा मूर्ति ने कोटा में बच्चों के सुसाइड पर कहा कि अगर आप मां हैं तो आपको सबसे पहले उस तरह से तैयार होना पड़ेगा। आपको कंपेयर करना बंद करना होगा।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल का तीसरा दिन बेहद शानदार रहा। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ब्रिटेन में पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का पहुंचना सुर्खियों में रहा। उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और सास सुधा मूर्ति ने मंच से काफी बातें की, तो ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक और इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति दर्शक दीर्घा में बैठे नजर आएं।
सुधा मूर्ति ने क्यों कहा अक्षता उनकी टीचर हैं
जयपुर में जारी 18वें लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन माई मदर माई लाइफ सेशन चर्चा में रहा। मंच पर राज्यसभा सांसद और इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति और उनकी बेटी अक्षता मूर्ति की बातों ने सभी का ध्यान खींचा। इस खास सेशन में सुधा मूर्ति ने अपने जीवन के कई किस्से साझा सुनाए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अपनी बेटी की वजह से उन्होंने समाजसेवा शुरू की। साल 1996 में जब वो सोलह साल की थी, तब बंगलुरू में उसका एक दोस्त था आनंद, उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। अक्षता मेरे पास आई कहा अम्मा आनंद को एडमिशन मिल गया है। क्या तुम उसे स्पॉन्सर करोगे? मैं क्वेश्चन पेपर तैयार कर रही थी। काफी व्यस्त थी। मैंने कहा तुम कर दो।
फिर अक्षता ने कहा कि 'तुम मुझे दस रुपए नहीं देती। मेरे बर्थडे मॉनिटर करती हो। मैं कैसे स्पॉन्सर करूंगी। अगर तुम सोशल वर्क नहीं कर सकती तो तुम्हे किसी को कुछ कहने का अधिकार नहीं है। तुम किसी से नहीं कह सकती कि तुम यह करो, वह करो।' मैंने सोचा कि मेरी ड्यूटी क्या है? इन पैसों का क्या होगा? मुझे क्या चाहिए और तब मैंने तय किया कि मैं परोपकार का काम करूंगी। इसलिए मैं कह सकती हूं। अक्षता इज माय टीचर... मैं सो रही थी, उसने मुझे जगाया।
बच्चों के सुसाइड पर रखी राय
सुधा मूर्ति ने बड़े ही आसान शब्दों में अपनी बातें रखीं। उन्होंने कोटा में बच्चों के सुसाइड पर भी बात की। सुधा मूर्ति ने कहा कि 'अगर आप मां हैं तो आपको सबसे पहले उस तरह से तैयार होना पड़ेगा। आपको कंपेयर करना बंद करना होगा। हो सकता है कि आपके बच्चे को 99 फीसदी नंबर नहीं मिलें, 80 फीसदी मिले। लेकिन आपको उसको एक्सेप्ट करना होगा।
सीखना होगा 'आर्ट ऑफ हैंडलिंग स्ट्रेस'
सुधा मूर्ति ने आर्ट ऑफ हैंडलिंग स्ट्रेस के बारे में भी बड़े ही स्पष्ट शब्दों में उदाहरण के साथ अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि टेंशन लाइफ का पार्ट है, वह होगा। हमें आर्ट ऑफ हैंडलिंग स्ट्रेस सीखना होगा। उम्मीदों का बोझ तनाव का सबसे बड़ा कारण है। अगर कोई 5 किलो उठा सकता है और आप उसे 25 किलो वजन उठाने कहोगे तो कैसे होगा?'