भारत का अनोखा मंदिर, जहां देवी के पीठ की होती है पूजा, जानें ब्रह्माणी माता के इस मंदिर की महिमा
राजस्थान के बारां जिले में स्थित श्री ब्रह्माणी माता का मंदिर अपनी अनूठी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां देवी की पीठ की पूजा होती है। नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। 700 साल पुराने इस गुफा मंदिर में देवी की पीठ पर सिंदूर और कनेर के पत्तों से श्रृंगार किया जाता है।

राजस्थान के पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर काफी फेमस है जहां पर साल भर में एक बार फेमस मेला लगता है। लेकिन इसके अलावा प्रदेश के बारां जिले के अन्ता नगर से करीब 28 किलोमीटर दूर पर श्री ब्राह्मणी माता का मंदिर वहां के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर में नवरात्रि के समय में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं।
बता दें कि यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर माता की पीठ की पूजा होती है। राजस्थान में वैसे तो कई फेमस तीर्थ स्थल हैं लेकिन, सोरसन प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है। यह सोरसन स्थान ब्राह्मणी माता के मंदिर के लिए फेमस है, बता दें कि इस मंदिर का इतिहास 700 पहले का है। यह माता मंदिर पुराने किले में स्थित है और चारों तरफ से परकोठे से घिरा हुआ है इसलिए ही इसको गुफा मंदिर भी कहते हैं।
मंदिर का प्रवेश द्वार
इस ब्राह्मणी माता के मंदिर में आने के लिए तीन प्रवेश द्वार हैं, इसमें से दो द्वार कलात्मक है। इस मंदिर के परिसर के बीच में गुंबद द्वार मंडप और शिखरयुक्त गर्भ ग्रह है और इसके प्रवेश द्वार की चौखट 5 गुना 7 के आकार की है, तो वहीं पर प्रवेश मार्ग तीन गुना ढाई फीट का ही है। इसलिए लोगों को इस मंदिर में दर्शन करने के लिए झुक कर आना पड़ता है और पुजारी भी झुक कर ही पूजा-अर्चना करते हैं।
खोखर परिवार के वंशज करते हैं पूजा
सोरसन में स्थित ब्राह्मणी माता के मंदिर में लोग दूर-दूर से आते हैं, और अपनी-अपनी मन्नत मांगते हैं और इसके पूरा होने के बाद पालना, छत्र या अन्य वस्तुएं चढ़ाते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि खोखर गौड ब्राह्मण से प्रसन्न होकर ही ब्राह्मणी माता का प्रकाट्य हुआ था, जिसके बाद से खोखर जी के वंशज ही पूजा करते हैं। इस मंदिर में एक गुजराती परिवार के सदस्यों को सप्तशती का पाठ करने, और राव भाट परिवार के सदस्यों को नगाड़े बजने का अधिकार मिला हुआ है।
माता की पीठ पर लगाते हैं सिंदूर
ब्राह्मणी माता का यह मंदिर दुनिया का पहला मंदिर है जहां पर देवी की पीठ का श्रृंगार किया जाता है और भोग भी पीठ को ही लगाते हैं। इस मंदिर में भक्त भी पीठ के दर्शन करते हैं। इस मंदिर में देवी की प्रतिमा की पीठ पर रोजाना सिंदूर लगाया जाता है और कनेर के पत्तों से श्रृंगार होता है और दाल-बाटी का भोग लगाते हैं।