CM के बेटे की कितनी कंपनियों को मिला टेंडर? ‘राइजिंग राजस्थान’ पर कांग्रेस MLA के बयान से गरमाया सदन
Congress MLA statement: कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा के आरोपों पर सत्ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि "अगर कोई आरोप लगाना है तो सबूत पेश करें। बिना प्रमाण के सदन में इस तरह के आरोप लगाना गलत है।"

Congress MLA statement: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को उस समय जबरदस्त हंगामा हो गया, जब बामनवास से कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बेटे पर गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने सीधे सवाल उठाते हुए कहा, ‘राइजिंग राजस्थान’ प्रोजेक्ट में मुख्यमंत्री के बेटे की कितनी कंपनियों को टेंडर मिला?’ इस बयान ने सदन का माहौल गरमा दिया और सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई।
सत्ता पक्ष ने जताई आपत्ति, कांग्रेस हुई हमलावर
इंद्रा मीणा के आरोपों पर सत्ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि "अगर कोई आरोप लगाना है तो सबूत पेश करें। बिना प्रमाण के सदन में इस तरह के आरोप लगाना गलत है।" वहीं, सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भी आरोपों को आधारहीन बताते हुए सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की।
लेकिन इंद्रा मीणा अपने बयान पर अड़ी रहीं और सत्ता पक्ष को सीधा जवाब देते हुए कहा, "क्या आप तय करेंगे कि कौन क्या बोलेगा? क्या मैं सबूत दूं?" इस पर कांग्रेस विधायकों ने भी मीणा का समर्थन किया और सत्ता पक्ष के विरोध का जवाब दिया।
‘राइजिंग राजस्थान’ विवाद
‘राइजिंग राजस्थान’ राज्य सरकार का एक प्रमुख निवेश प्रोजेक्ट है, जिसमें देश-विदेश के बड़े उद्योगपति भाग लेते हैं। इसका उद्देश्य राजस्थान में नए उद्योगों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के तहत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बेटे की कंपनियों को गलत तरीके से टेंडर दिए गए और कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि, सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है और कांग्रेस से ठोस सबूत पेश करने की मांग की है।
सदन में और बढ़ सकता है विवाद
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पारीक ने भी मीणा का समर्थन किया और कहा कि "लोकतंत्र में हर किसी को सवाल पूछने का हक है। सत्ता पक्ष का इस तरह टोकना गलत है।"