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गोविंद सिंह डोटासरा का BJP पर तीखा वार, SI भर्ती को बताया ‘अनसुलझी पहेली’ कब सुलझेगा SI भर्ती विवाद?

Rajasthan Politics: कोर्ट ने कहा कि ये मामला अभी जांच और सुनवाई के अधीन है, इसलिए किसी भी नए आदेश पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब सभी एजेंसियां भर्ती रद्द करने की सिफारिश कर रही हैं, तो सरकार इस पर कदम क्यों नहीं उठा रही?

गोविंद सिंह डोटासरा का BJP पर तीखा वार, SI भर्ती को बताया ‘अनसुलझी पहेली’ कब सुलझेगा SI भर्ती विवाद?

Rajasthan Politics: राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 का मामला अब एक ऐसी उलझन बन गया है जिसे न तो सरकार सुलझा पा रही है और न ही कोर्ट में किसी ठोस निर्णय तक पहुंचा जा रहा है। हाईकोर्ट, सरकार, और याचिकाकर्ताओं के बीच इस मामले में गतिरोध लगातार गहराता जा रहा है।

हाईकोर्ट की नाराजगी: न कोई आदेश, न समाधान

गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस समीर जैन ने इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार और याचिकाकर्ताओं दोनों पर सवाल खड़े किए। कोर्ट ने कहा कि ये मामला अभी जांच और सुनवाई के अधीन है, इसलिए किसी भी नए आदेश पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब सभी एजेंसियां भर्ती रद्द करने की सिफारिश कर रही हैं, तो सरकार इस पर कदम क्यों नहीं उठा रही?

कंफ्यूजन का केंद्र: सरकार और कैबिनेट में मतभेद

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे भाजपा के भीतर के संघर्ष की “अनसुलझी पहेली” बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट में स्पष्ट रूप से दो धड़े हैं। एक पक्ष भर्ती रद्द करने के लिए तैयार नहीं है, जबकि दूसरा पक्ष इसे रद्द करने पर अड़ा है। डोटासरा ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या ये सत्ता का वर्चस्व है या बंदरबांट की लड़ाई?

RSS की भूमिका और सत्ता गलियारों में ‘सेटलमेंट’ की चर्चा

डोटासरा ने मामले में आरएसएस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सत्ता के गलियारों में “सेटलमेंट” की चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं, महाधिवक्ता का इस मामले से पैरवी छोड़ना और कैबिनेट मंत्री का अपनी ही सरकार को घेरना इस बात का संकेत है कि भाजपा सरकार भीतर से अस्थिर है।

भर्ती विवाद और सरकार की छवि पर असर

इस भर्ती में पेपर लीक और अनियमितताओं के चलते 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 25 को जमानत मिल चुकी है। हाईकोर्ट द्वारा ट्रेनी एसआई की पोस्टिंग और ट्रेनिंग पर रोक लगने के बाद सरकार की स्थिति और कमजोर हो गई है।

भ्रष्टाचार और युवाओं का आक्रोश

युवाओं के भविष्य से जुड़ा ये मामला सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। सरकार के निर्णयों में स्पष्टता की कमी, अंदरूनी कलह, और युवाओं के प्रति लापरवाह रवैया ने इस मामले को और जटिल बना दिया है।

क्या ये मामला सुलझेगा?

हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार हाईकोर्ट को क्या जवाब देगी और क्या इस “अनसुलझी पहेली” का समाधान निकलेगा या फिर ये मुद्दा युवाओं और जनता के लिए निराशा का कारण बना रहेगा।

सर्कस’ बनती सरकार

राज्य के युवाओं और जनता में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भारी असंतोष है। डोटासरा ने इसे भाजपा की "सर्कस सरकार" का तमाशा बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनिश्चितता और भ्रम में सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।