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ईद से पहले 'सौगात-ए-मोदी' ने जीता मुसलमानों का दिल, अजमेर शरीफ से आई दुआएं

PM Modi Eid Gift: ईद से पहले पीएम मोदी की ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना से मुसलमानों में खुशी की लहर। अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन समेत कई धार्मिक नेताओं ने की इस पहल की सराहना।

ईद से पहले 'सौगात-ए-मोदी' ने जीता मुसलमानों का दिल, अजमेर शरीफ से आई दुआएं

ईद 2025 की रौनक इस बार कुछ खास है। रमजान के पवित्र महीने में केंद्र सरकार की एक पहल ने न केवल मुसलमानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी, बल्कि दिलों को भी छू लिया है। 'सौगात-ए-मोदी' नाम की इस योजना के तहत देशभर के 32 लाख मुसलमान परिवारों को ईद से पहले खास किट दी जा रही है, जो एक नर्म और मानवीय पहलू को उजागर करती है।

राजस्थान के अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से भी इस कदम को दिल से सराहा गया है। दरगाह के गद्दीनशीन और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने इसे एक 'एकता और इंसानियत का पैगाम' करार दिया। उन्होंने कहा, “यह तोहफा न सिर्फ ईद की खुशी को बढ़ा रहा है, बल्कि यह दिखाता है कि देश की राजनीति में अब जज़्बात और जुड़ाव की भी जगह है।”

हाजी सलमान ने यह भी कहा कि 'सौगात-ए-मोदी' की शुरुआत बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा की गई, लेकिन इसकी आत्मा पीएम मोदी की सोच में झलकती है। "जब एक नेता पूरे देश को एक परिवार मानता है, तभी ऐसे क़दम मुमकिन होते हैं," उन्होंने भावुक होकर कहा।

वहीं दरगाह के ही सैयद मेराज चिश्ती का मानना है कि यह सौगात ईद पर गरीब तबके के मुसलमानों के लिए किसी राहत से कम नहीं। “पहली बार महसूस हुआ कि कोई ऊपर बैठा इंसान हमारी ज़रूरत को बिना कहे समझ गया। अब हर गरीब मुसलमान के घर ईद की मिठास घुल सकेगी।”

हाजी पीर सैयद नफीस मियां चिश्ती ने इसे "दिलों की दूरियां मिटाने वाला कदम" बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे समाज में भाईचारा बढ़ेगा और गलतफहमियों की दीवारें गिरेंगी।

साफ है कि 'सौगात-ए-मोदी' सिर्फ एक योजना नहीं, एक संदेश है – कि जश्न तब ही मुकम्मल होता है, जब सबके चेहरे पर मुस्कान हो। रमजान और ईद का यही तो पैगाम है – साझा खुशी, साझा दुआ।