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राजस्थान के जोधपुर से आया गजब ड्रग्स मामला, तस्कर का अजीब खेल, करोड़ों की धांधली को समझ बैठे सांवलिया सेठ की कृपा

राजस्थान के जोधपुर में पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के एक बड़े सौदागर भजनलाल को गिरफ्तार किया है। उसके साथ उसका एक साथी रूपाराम भी पकड़ा गया। ड्रग्स की खेप लाने पहले भजनलाल अपने साथी रूपाराम के साथ सांवलिया सेठ मंदिर में पूजा करने के लिए जाता था और वापसी में नाथद्वारा महाराज के यहां धोक लगाने जाता था।

राजस्थान के जोधपुर से आया गजब ड्रग्स मामला, तस्कर का अजीब खेल, करोड़ों की धांधली को समझ बैठे सांवलिया सेठ की कृपा

राजस्थान के जोधपुर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां पर पुलिस ने दो ड्रग्स सौदागरों को पकड़ा है। ये लोग एक साल में करोड़ों को कारोबार करते हैं। मामले का खुलासा हुआ है, तो सभी हैरान रह गए हैं। क्या है पूरी बात, जानिए...

जोधपुर पुलिस ने किया अजब मामले का खुलासा

राजस्थान के जोधपुर में पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के एक बड़े सौदागर भजनलाल को गिरफ्तार किया है। उसके साथ उसका एक साथी रूपाराम भी पकड़ा गया। ड्रग्स की खेप लाने पहले भजनलाल अपने साथी रूपाराम के साथ सांवलिया सेठ मंदिर में पूजा करने के लिए जाता था और वापसी में नाथद्वारा महाराज के यहां धोक लगाने जाता था। उनका मानना था कि सांवलिया सेठ और नाथद्वारा महाराज की कृपा उसे नशे की दुनिया का बेताज बादशाह बनाएगी। वो एक साल में मादक पदार्थ की तस्करी से एक से 1.5 करोड़ की आमदनी करता था। बता दें, ड्रग्स तस्कर पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम ऱखा था। वो लोग करीब डेढ साल से फरार थे।

आरोपी लोग पिछले 11 साल से ये काम कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईजी रेंज विकास कुमार ने बताया कि भजनलाल हर हफ्ते मध्यप्रदेश से राजस्थान तक छोटे वाहन में 3 से 4 क्विंटल डोडा चूरा लाया करता था। इस तरह पिछले एक साल में करीब 150-170 क्विंटल (15 से 17 टन) डोडा चोरा राजस्थान के मारवाड़ इलाके में आपूर्ति कर खपा चुका था। मादक पदार्थ की एक खेप की तस्करी में करीब 2 से 2.5 लाख का मुनाफा कमा कर सालाना 1 से 1.5 करोड़ रुपये की आमदनी करता था, वो साल में 100 दिन काम और 250 दिन आराम में बिताता था। वो मादक पदार्थ की खेप लाने से पहले सांवलिया सेठ का तो वापसी पर नाथद्वारा में धोक लगाना नहीं भूलता था। 

पुलिस ने प्लान बनाकर किया गिरफ्तार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार भजनलाल की योजना पहले नाथद्वारा दर्शन, फिर ठिकाने पर जाने की थी। योजना के मुताबिक मुखबिर ने नाथद्वारा पहुंचकर भजनलाल व रूपाराम को अपने करीबी के होटल कमल होटल में टिका दिया, अगले दिन दर्शन की बात तय हुई और खुद गाड़ी लेकर एक सम्पर्क सूत्र से सौदा करने के बहाने खिसक गया। जिसके बाद मुखबिर से सिग्नल मिलने ही साईक्लोनर की टीम ने नाथद्वारा के कमल होटल पर दबिश डाल दी। कमल होटल के कमरा नम्बर 102 में आराम फरमा रहा, सहयोगी की प्रतीक्षा कर रहा भजनलाल अपने सहयोगी रूपाराम के साथ आसानी से पुलिस के चंगुल में आ गया।