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Rajasthan का श्रापित गांव, जहां आज भी गूंजती हैं अतीत की परछाइयां, हर दीवार सुनाती है श्रापित इतिहास की कहानी

13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने कुलधरा गांव को बसाया था। ये स्थान जल प्रबंधन और कृषि में अपनी कुशलता के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन कहते हैं।

Rajasthan का श्रापित गांव, जहां आज भी गूंजती हैं अतीत की परछाइयां, हर दीवार सुनाती है श्रापित इतिहास की कहानी

राजस्थान की रेत में दबा हुआ कुलधरा गांव, जो कभी पालीवाल ब्राह्मणों का समृद्ध और खुशहाल निवास था, आज वीरान और भूतहा खंडहर बन चुका है। जैसलमेर से 17 किलोमीटर दूर स्थित ये गांव सन्नाटे और डरावनी कहानियों का घर बन गया है। दिन के उजाले में ये जगह आपको इतिहास की कहानियां सुनाती है, लेकिन रात होते ही अतीत के साए जाग उठते हैं।

प्राचीन समृद्धि से वीरानगी तक का सफर

13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने कुलधरा गांव को बसाया था। ये स्थान जल प्रबंधन और कृषि में अपनी कुशलता के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन कहते हैं, ये गांव एक अभिशाप के कारण वीरान हो गया। गांव की गलियां और टूटे-फूटे मकान इसकी समृद्धि के दिनों की गवाही देते हैं।

सलीम सिंह और कुलधरा का श्राप

गांव के खंडहरों में सबसे बड़ी कहानी दीवान सलीम सिंह और गांव की मुखिया की बेटी की है। कहा जाता है कि सलीम सिंह ने मुखिया की बेटी से शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे ठुकरा दिया गया। सलीम सिंह के अत्याचार और दबाव से बचने के लिए पालीवाल ब्राह्मणों ने रातोंरात गांव खाली कर दिया। लेकिन जाते-जाते उन्होंने इस जगह को श्राप दिया कि यहां कोई नहीं बस पाएगा।

श्रापित गांव के डरावने पहलू

कुलधरा के खंडहर आज भी अपने अतीत के काले साए में डूबे हुए हैं। जो लोग यहां आते हैं, वे अजीब घटनाओं का अनुभव करते हैं:

  • रहस्यमयी आवाजें: खंडहरों के बीच कदमों की गूंज और किसी के बोलने की धीमी आवाजें अक्सर सुनाई देती हैं।
  • छायाओं का नृत्य: चांदनी रात में लोग परछाइयों को नाचते हुए देखने का दावा करते हैं।
  • अलौकिक ऊर्जा: यहां की हवा में कुछ ऐसा है, जो आगंतुकों को बेचैन कर देता है।

कुलधरा की भूतिया गलियों का सफर

गांव की गलियां, जिनमें कभी रौनक हुआ करती थी, अब सन्नाटे में डूबी रहती हैं। जर्जर घरों और खंडहरों से गुजरते हुए ऐसा महसूस होता है कि यहां का हर पत्थर अतीत की अनकही कहानियां सुनाने को बेताब है।

कुलधरा के रहस्यमयी राज

कुछ लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने कुलधरा में अलौकिक शक्तियों का अनुभव किया है। रात के समय यहां रुकने वाले पर्यटकों को भयावो सपने आए हैं, और कई बार उनके साथ अजीब दुर्घटनाएं हुई हैं।

ये महज मिथक या हकीकत?

कुलधरा के बारे में कहानियां सिर्फ डराने के लिए नहीं हैं, बल्कि ये एक सभ्यता के पतन और शोषण की दास्तां भी बयां करती हैं। हालांकि वैज्ञानिक और इतिहासकार इसे मात्र अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन स्थानीय लोग आज भी इसे श्रापित मानते हैं।

कुलधरा का इतिहास और रहस्य

इस गांव की गूंजती कहानियां इसे जैसलमेर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती हैं। दिन में पर्यटक इसकी वास्तुकला और इतिहास का आनंद लेते हैं, लेकिन रात में कोई भी यहां ठहरने की हिम्मत नहीं करता। कुलधरा का रहस्य इसे न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत की सबसे रोमांचक और डरावनी जगहों में से एक बनाता है। ये खंडहर समय के साथ मिटने के बजाय और भी जीवित हो गए हैं, मानो हर रात अपने अतीत को फिर से जीते हों।