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CBI के निशाने पर कांग्रेस नेता, राजस्थान के पूर्व मंत्री पर 5 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, घोटाला या राजनीतिक साजिश?

CBI in Ramlal Jat Fraud Case: राजसमंद के एक माइनिंग कारोबारी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया कि रामलाल जाट ने अपने भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करोड़ों की ग्रेनाइट माइंस का 50 प्रतिशत शेयर ट्रांसफर करवा लिया, लेकिन बदले में वादे के अनुसार 5 करोड़ रुपए नहीं दिए।

CBI के निशाने पर कांग्रेस नेता, राजस्थान के पूर्व मंत्री पर 5 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, घोटाला या राजनीतिक साजिश?

CBI in Ramlal Jat Fraud Case: राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने वाला एक और मामला सामने आया है, जहां पूर्व राजस्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रामलाल जाट पर 5 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। मामला केवल आर्थिक गड़बड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सत्ता, प्रभाव और व्यापारिक खेल की परतें भी खुल रही हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं, जिससे ये केस अब और पेचीदा हो गया है।

कैसे हुआ खेल?

राजसमंद के एक माइनिंग कारोबारी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया कि रामलाल जाट ने अपने भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करोड़ों की ग्रेनाइट माइंस का 50 प्रतिशत शेयर ट्रांसफर करवा लिया, लेकिन बदले में वादे के अनुसार 5 करोड़ रुपए नहीं दिए। मामला साल 2022 में कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था, लेकिन अब हाईकोर्ट ने इसे सीबीआई के हवाले कर दिया है।

सीबीआई खोलेगी सत्ता और व्यापार का गुप्त गठजोड़

राजस्थान की राजनीति में ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी पूर्व मंत्री का नाम व्यापारिक सौदेबाजी में गड़बड़ी के साथ जोड़ा गया हो। अक्सर राजनेताओं और बड़े कारोबारियों के बीच गुप्त गठजोड़ की बातें सामने आती रही हैं। इस केस में भी आरोप है कि सत्ता का फायदा उठाकर संपत्ति हड़पने का एक सुनियोजित खेल खेला गया।

कौन-कौन हैं शक के घेरे में?

इस मामले में सिर्फ रामलाल जाट ही नहीं, बल्कि कुल 5 अन्य लोग भी जांच के घेरे में हैं। इसमें पूरणलाल गुर्जर, सूरज जाट, महिपाल सिंह, महावीर प्रसाद चौधरी के नाम सामने आए हैं, जो किसी न किसी रूप से इस ग्रेनाइट माइंस डील में जुड़े हुए थे।

कांग्रेस के लिए बढ़ी मुश्किलें

रामलाल जाट का नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहा है। ऐसे में इस मामले का राजनीतिक असर पार्टी पर भी पड़ सकता है। चुनावी माहौल में सीबीआई जांच से कांग्रेस बैकफुट पर आ सकती है और विपक्ष इस मुद्दे को बड़ा हथियार बना सकता है।