साइबर ठगी का नया जाल... होटल, लड़की और डोनेशन , भरोसे की जमीन पर फैला फरेब का दलदल
बांसवाड़ा में साइबर पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया जो होटल और लड़की बुकिंग के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे। शर्म और डर बना इनका हथियार।

पिछले कुछ महीनों से देशभर में साइबर क्राइम जिस तेज़ी से बढ़ा है, उसी रफ्तार से पुलिस और साइबर टीमें अलर्ट मोड में आ चुकी हैं। बांसवाड़ा की साइबर पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे नए और चालाक साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसने ठगी के साथ-साथ इंसानी कमजोरी और शर्म को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया।
जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके नाम सतीश और मिथुन हैं और उम्र महज़ 22 साल। लेकिन उनका दिमाग किसी पुरानी जालसाज किताब से नहीं, डिजिटल दुनिया की काली गलियों से आया लगता है।
जाल शुरू होता था ऑनलाइन होटल बुकिंग साइट से
इस साइबर ठगी का पूरा ढांचा बेहद प्रोफेशनल अंदाज़ में तैयार किया गया था। दो फर्जी वेबसाइट्स बनाई गई थीं, जो होटल बुकिंग जैसी सर्विस देने का दावा करती थीं। इन साइट्स पर कमरे के साथ "स्पेशल सर्विस" का भी ऑफर दिया जाता था, जिसमें लड़की की उपलब्धता की बात कही जाती थी।
टारगेट ऐसे लोग होते जो कामकाज के लिए अकेले होटल में रुकते थे। जब ये लोग दिए गए नंबर पर संपर्क करते, तो लड़की भेजने का वादा कर उनसे एडवांस पेमेंट लिया जाता।
गिल्ट और डोनेशन के नाम पर दूसरी लूट
ठगी की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। एक बार रकम मिलते ही, ये जालसाज़ क्लाइंट को "पाप को कम करने के लिए गरीबों को डोनेशन देने" की सलाह देते। शर्मिंदगी में डूबा व्यक्ति अक्सर बिना सोचे और भी पैसे ट्रांसफर कर देता।
कुछ लोगों ने चुप्पी साध ली, लेकिन कुछ ने शिकायत कर दी। उन्हीं में से दर्जनभर शिकायतों के आधार पर पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया है।
साइबर पुलिस की अपील
इस तरह की ठगी का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि शर्म और सामाजिक दबाव के चलते अधिकांश पीड़ित चुप रहते हैं। लेकिन पुलिस ने अपील की है कि अगर कोई ऐसी स्थिति में फंसे तो हिम्मत कर रिपोर्ट करें, तभी ऐसे गिरोह खत्म किए जा सकते हैं।