कोचिंग संस्थानों 'स्टार फैकल्टी' का धोखा ! Allen Institute के छात्रों का प्रदर्शन,जानें पूरा मामला
जयपुर में एलन कोचिंग के छात्रों का प्रदर्शन! फैकल्टी हटाने से नाराज़ छात्रों ने किया हंगामा, कोर्स पूरा करने की मांग। जानिए कोचिंग संस्थानों में फैकल्टी की समस्या और छात्रों पर पड़ने वाला मानसिक दबाव।

जयपुर। राजधानी जयपुर में एलन कैरियर इंस्टीट्यूट कोचिंग के छात्रों-छात्राओं ने संस्थान के खिलाफ प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों का आरोप है, इंस्टीट्यूट ने कोचिंग में पढ़ाने वाले टीचर्स को कोर्स कंप्लीट करने से पहले ही हटा दिया। जिस कारण बच्चों की पढ़ाई इफेक्ट हो रही है। छात्रों का कहना है, हमारा कोर्स किसी तरह पूरा कराया जाए हालांकि एलन शिक्षण संस्थान पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसलिए छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन कर अपनी मांगे रखी हैं। सबसे पहले आप ये वीडियो देखिए-
पुलिस पर भी बरसे छात्र
जब छात्रों की प्रदर्शन की बात पुलिस को लगी तो मौके पर आला-अधिकारी पहुंचे। इस दौरान कई छात्रों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। छात्रों ने नाराजगी दिखाते हुए पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। जानकारी के अनुसार, एलन ने भारी संख्या में फैक्लटी को निकाल दिया है। छात्रों का कहना है, जिन टीचर्स को बाहर निकाला गया है, उन्होंने कोचिएगा ने एडमिशन के लिए खूब मेहनत की थी। अब उन्हें ही बाहर का रास्ता दिखा गया था। छात्रों का कहना है कि सत्र के बीच में हटाए फैकल्टी को वापस बुलाया जाए या फीस माफ की जाए। हालांकि यह सिर्फ किसी एक संस्थान का मामला नहीं है। कोचिंग इंडस्ट्रीज़ में यह एक आम ट्रेंड है।
कोचिंग संस्थान में फैकल्टी बदलना बड़ा मुद्दा !
बता दें, अक्सर बच्चों को रिझाने के लिए कोचिंग सेंटर बड़े-बड़े फैकल्टी चेहरों को प्रचार का जरिया बनाती है लेकिन जब बात पढ़ाई की आती है तो वह एक या दो क्लासे लेते हैं लेकिन लंबे वक्त तक नहीं टिकटे। कई बार तो महज भारी-भरकम एडमिशन के लिए पोस्टर पर चेहरों दिखा दिए जाते हैं। जब कोई छात्र कोचिंग में एडमिशन ले लेता है, तो उसे बाद में पता चलता है कि जिस 'स्टार फैकल्टी' से पढ़ने के लिए वह आया था, वह सिर्फ कुछ चुनिंदा क्लासेज ही लेते हैं। उन खास क्लासेज में पढ़ने के लिए दो-तीन महीने के भीतर एक कड़ा टेस्ट पास करना होता है और टॉप रैंक लानी होती है। यानी जिस परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग जॉइन की थी,उससे पहले ही एक और परीक्षा का दबाव झेलना पड़ता है।
अगर कोई छात्र टॉप बैच में नहीं पहुंच पाता, तो उसे पूरे साल यह एहसास दिलाया जाता है कि वह कमजोर बैच में है। यह महसूस कराया जाता है कि इस बैच में पढ़ाई उस स्तर की नहीं होती, जिससे कोई IIT या AIIMS जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाएं पास कर सके। पहले तो पसंदीदा कोचिंग में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट और भारी फीस का सामना करना पड़ता है, फिर उसी कोचिंग के टॉप बैच में पहुंचने के लिए भी एक और परीक्षा देनी पड़ती है। इस परीक्षा के दबाव में छात्र पूरे सत्र परेशान रहता है। अगर कोई छात्र पसंदीदा बैच में नहीं पहुंच पाता, तो उसका आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है। उसे यह डर सताने लगता है कि वह शायद IIT या AIIMS की परीक्षा पास नहीं कर पाएगा। इस मानसिक तनाव और दबाव से जूझते हुए छात्र किस हद तक टूट जाता है, यह पूरा कोटा जानता है।