अजमेर दरगाह वाली याचिका 'सुने जाने लायक नहीं', केंद्र सरकार ने हलफनामे से कर डाली ये मांग, अब 31 मई को होगी सुनवाई
अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति के कारण मामले की अगली तारीख 31 मई 2025 तय की गई। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण कुमार सिंह सिन्हा व्यक्तिगत कारणों से आज कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। इस वजह से आज उस अहम बहस को टालना पड़ा।

राजस्थान में स्थित अजमेर दरगाह को लेकर होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें थी। लेकिन सुनवाई के दौरान पक्ष-विपक्ष के साथ ही कोर्ट की ओर से जो कहा है, वो चर्चा में है। अब इस मामले में आगे की सुनवाई 31 मई को होगी। क्या है पूरी बात, जानिए विस्तार में...
अजमेर दरगाह को लेकर हुई ये बात
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर के दावे से जुड़ी विष्णु गुप्ता की याचिका को केंद्र सरकार ने खारिज करने की मांग की है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा यहाँ मुकदमा सुने जाने लायक नहीं है। दरअसल, कोर्ट में केंद्र सरकार के जवाब पर अंजुमन सैयद जागदान ने खुशी जताई है। अंजुमन के सैयद सरवर चिश्ती ने कहा, "केंद्र के जवाब के बाद यह साफ हुआ कि विष्णु गुप्ता ने कोर्ट का रुख सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया है।" उधर दरगाह में मंदिर के दावे से जुड़ी याचिका पर शनिवार को अजमेर सिविल कोर्ट में सुनवाई होनी थी।
31 मई की होगी अगली सुनवाई, सुर्खियों में है मुद्दा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति के कारण मामले की अगली तारीख 31 मई 2025 तय की गई। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण कुमार सिंह सिन्हा व्यक्तिगत कारणों से आज कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। इस वजह से आज उस अहम बहस को टालना पड़ा। वरुण कुमार सिंह सिन्हा याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता की ओर से पैरवी कर रहे हैं। वहीं, हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर यह दावा किया था कि अजमेर की दरगाह शरीफ एक प्राचीन हिंदू मंदिर है।
याचिका पर कोर्ट ने दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को नोटिस जारी किया था। जिसके जवाब में दरगाह कमेटी की ओर से एक एप्लीकेशन दायर की गई थी जिसमें मांग की गई थी कि यह वाद खारिज किया जाए, क्योंकि इसमें कोई तथ्यात्मक और कानूनी आधार नहीं है। कोर्ट में आज इसी एप्लीकेशन पर बहस होनी थी, जोकि अब 31 मई को होगी। मामले में क्या सुनवाई होती है, इस पर सभी की नजरें हैं।