एक्टिंग से कंगना ने किया निराश, 'इमरजेंसी' को प्रशासन ने नहीं रोका तो थियेटर मालिकों ने ही हटा दिए शो!
फिल्म की कहानी और इतिहास को दिखाने के तरीकों पर सवाल उठेंगे, लगभग ऐसा माना जा रहा था। लेकिन एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर चुकीं कंगना के अभिनय पर भी काफी सवालिया निशान उठ रहे हैं। साल 2025 की शुरुआत में ही कंगना की इमरजेंसी ने पॉलिटिक्स को हवा दे दी है।

एक्टर से पॉलिशियन बनीं कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी रिलीज हो गई है। उम्मीद के मुताबिक रिलीज के साथ ही फिल्म की डायरेक्टर और लीड एक्ट्रेस कंगना की खूब फजीहत भी हो रही है। फिल्म की कहानी और इतिहास को दिखाने के तरीकों पर सवाल उठेंगे, लगभग ऐसा माना जा रहा था। लेकिन एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर चुकीं कंगना के अभिनय पर भी काफी सवालिया निशान उठ रहे हैं। साल 2025 की शुरुआत में ही कंगना की इमरजेंसी ने पॉलिटिक्स को हवा दे दी है। इसका कारण क्या है, फिल्म को लेकर कांग्रेस के क्या सवाल है, कहां फिल्म बैन करने की मांग उठ रही और कहां पर कंगना की तारीफ हो रही है, आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं...
कहां हुई तारीफ और कहां उठी बैन की मांग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिल्म की तारीफ की है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ये भारतीय इतिहास के उस समय का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जब लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल दिया गया था, संविधान का पालन नहीं किया गया था और लाखों नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था। ‘इरमजेंसी’ उस समय लोगों पर किए गए अत्याचारों का एक अच्छा चित्रण है। मैं कंगना रनौत को इस भूमिका को अच्छे से निभाने के लिए बधाई देना चाहता हूं। फिल्म सिर्फ आपातकाल के बारे में नहीं है, बल्कि इससे पहले जो कुछ हुआ था, 1971 का युद्ध, और कई मायनों में, ये दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की लाइफ जर्नी को देखने जैसा है।
तो दूसरी तरफ इमरजेंसी को पंजाब में बैन करने की मांग उठ रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) ने मांग की है कि कंगना की फिल्म को पंजाब में बैन किया जाए। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस मामले पर एक लेटर लिखा है। अपना विरोध दर्ज कराते हुए एसजीपीसी ने पहले ही राज्य के मुख्य सचिव को अपनी कार्यकारी समिति का प्रस्ताव भेज दिया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि इस फिल्म को पंजाब में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि इसे सिखों को बदनाम करने की साजिश के तहत बनाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन ने फिल्म पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन पंजाब में सिनेमा मालिकों ने खुद रिलीज नहीं किया है।
कंगना की एक्टिंग से दर्शक निराश
दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ के आरोप के साथ ही फैंस को फिल्म में एक्टिंग भी पसंद नहीं आई है। कंगना ने एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड जीते हैं। लेकिन कंगना की पिछली कई फिल्मों में उनकी एक्टिंग से फैंस नाखुश हैं। खासकर अब इमरजेंसी में कंगना रनौत द्वारा निभाया गया किरदार व्यक्तित्व के साथ मेल नहीं खाता है। फिल्म को बायोपिक कहना भी कई मायनों मे गलत होगा, कारण है कि फिल्म एक्टिंग से छवि के साथ और फैंक्ट्स इतिहास के साथ इंसाफ नहीं करते हैं।
फिल्म को लेकर लगातार हुआ विवाद
रिलीज से पहले भी फिल्म मेकिंग, ट्रेलर, सेंसर सर्टिफिकेट और तमाम मौके पर फिल्म का नाम विवादों से जुड़ा रहा है। फिल्म 2023 में रिलीज होने वाली थी। लेकिन फिर जून 2024 के लिए शेडयूल हो गई। फिर लोकसभा चुनावों के चलते फिल्म को टालने का फैसला लिया गया। जिसके बाद फिल्म की रिलीज 6 सितंबर के लिए फाइनल की गई। लेकिन सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दे रहा था। वहीं, फिल्म विवादों को लेकर भी सुर्खियों में चल रही थी। फिर मेकर्स ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद तमाम कट के साथ फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट इशू हो गया था और फिल्म जनवरी 2025 में रिलीज हो सकी।